नई दिल्ली। कोरोना का प्रकोप पूरे विश्व में एक बार फिर से दहशत का सबब बनता जा रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है, देश में लगातार कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित करते हुए घटा दिया है। एजेंसी का कहना है कि कोरोना तीसरी लहर से चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 0.4% घटकर 5.7% रह सकती है।
चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर 9.3 फीसदी रहेगी
भारत समेत दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच चालू वित्त वर्ष में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कम कर दिया है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि ओमिक्रॉन के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए एहतियात के तौर पर कई राज्यों ने पाबंदी लगानी शुरू कर दी है। इससे आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों पर असर पड़ेगा, जिससे चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर 0.10 फीसदी तक घटकर 9.3 फीसदी रह सकती है।
पिछले 15 दिनों में नए मामलों में जोरदार इजाफा
एजेंसी ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीते 15 दिनों में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है। ऐसे में संक्रमण की तेज रफ्तार के चलते चौथी तिमाही में देश की विकास दर 5.7 फीसदी पर आ सकती है। गौरतलब है कि इंडिया रेटिंग्स ने इससे पहले जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी जताया था, जिससे अब घटाकर कम किया गया है।
एजेंसी के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से लगने वाले प्रतिबंध अर्थव्यवस्था में जारी सुधार को प्रभावित करते हुए इसपर बुरा असर डालेंगे। इससे जनवरी-मार्च तिमाही की जीडीपी पर 0.4 फीसदी का असर देखने को मिल सकता है, वहीं पूरे साल की जीडीपी में पिछले अनुमानों के मुकाबले 0.1 फीसदी की कमी आ सकती है।
प्रतिबंधों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक नोट में कहा कि ओमिक्रॉन के मामले लगातार बढ़ने के साथ ही कई राज्यों में बाजार/बाजार परिसरों की क्षमता को कम करने और मानव गतिशीलता/संपर्क की जांच के लिए रात/सप्ताहांत कर्फ्यू जैसे विभिन्न रूपों में प्रतिबंध पहले ही शुरू हो चुके हैं, जो आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहे हैं।
हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अब तक के संकेत बताते हैं कि संक्रमण मामूली है और ज्यादातर जीवन के लिए खतरा नहीं है। स्थानीय सरकारों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध कोविड-19 की पहली दो लहरों की तुलना में कम विघटनकारी होंगे। ऐसे में रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि कोरोना की तीसरी लहर के थमने के बाद अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से वापसी करेगी।
आरबीआई जारी रखेगा उदार नीतिगत रुख
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित करने के साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि निकट भविष्य में नीति दर में कोई बदलाव नहीं होने के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने उदार नीतिगत रुख को जारी रखेगा और केंद्र राजकोषीय समेकन पथ पर वापस आने की जल्दी में नहीं होगा।
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