नई दिल्ली. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों (omicron cases) के बीच पाबंदियों का दौर भी शुरू हो गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि जनवरी-फरवरी के बीच में इसका पीक आ सकता है. अब तक के मिले डेटा के अनुसार, कोरोना के अन्य स्ट्रेन की तुलना में ओमिक्रॉन (omicron ) की वजह से हल्की बीमारी हो रही है. डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के मरीजों कोअस्पताल में भर्ती होने की जरूरत 50 से 70 फीसदी तक कम पड़ रही है. हालांकि ये अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट है जो एक साथ कई लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. नए साल का जश्न बहुत सावधानी से मनाने की जरूरत है. एक्सपर्ट्स ओमिक्रॉन के ये 8 लक्षण दिखते ही तुरंत टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं.
ओमिक्रॉन के लक्षण (Omicron symptoms)-
ओमिक्रान के 8 खास लक्षण (Symptom) हैं जिसमें गले में चुभन, नाक बहना, थकान, छींक आना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, सिर दर्द, रात को पसीना आना और मांसपेशियों (Muscles) में दर्द शामिल है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन लक्षणों को ध्यान में रखकर सर्दी-जुकाम (Cold and cough) और ओमिक्रॉन के लक्षणों में अंतर किया जा सकता है. फिलहाल कोरोना के ज्यादातर मामलों में तेज बुखार, कफ और स्वाद-सुगंध के चले जाने जैसे लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं. डेटा के अनुसार, ओमिक्रॉन से बचाव में बूस्टर डोज (booster dose) काफी कारगर साबित हो रहा है.
UK में ओमिक्रॉन से हाहाकार मचा हुआ है. ब्रिटिश डॉक्टर्स के मुताबिक, अभी जो मरीज आ रहे हैं उनमें सूखी खांसी, हल्का बुखार, रात में पसीना आने और शरीर में बहुत ज्यादा दर्द की समस्या हो रही है. रात में होने वाला पसीना इतना ज्यादा होता है कि जिसमें मरीजो को कपड़े तक बदलने पड़ जाते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपको कोरोना के लक्षण महसूस हो रहे हों या नहीं, अगर आप अंदर से ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं तो बिना कुछ सोचे टेस्ट करा लें.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन के कई मामलों में कोई भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं. यानी ओमिक्रॉन संक्रमण में एसिम्प्टोमैटिक केस भी आ रहे हैं. इसके लक्षण नजर भी आ रहे हैं तो सर्दी-जुकाम की ही तरह. ऐसे में ये लोगों को चकमा देकर बड़ी खामोशी के साथ पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही संक्रमण से बचा जा सकता है. इसके अलावा, वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लगवाएं, वैक्सीनेट हुए लोगों में संक्रमण (Infection) होने पर भी बीमारी ज्यादा गंभीर रूप धारण नहीं कर पा रही है.
कोरोना की सटीक जांच के लिए RT-PCR टेस्ट ही कराएं. हालांकि, अगर आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं तो रिजल्ट नेगेटिव आने पर भी खुद को आइसोलेट करना ही बेहतर होता है. इससे आप दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.
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