जोहानसबर्ग। किसी को पहले कोविड-19 हो चुका है, वे अब ठीक हो चुके हैं, तब भी कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन उन्हें नहीं बख्श रहा। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने पहले भी संक्रमित हुए 28 लाख लोगों पर अध्ययन कर बताया है कि बीते 90 दिनों में इनमें से 35 हजार में फिर से संक्रमण हुआ है।
आशंका है यह ओमिक्रॉन की वजह से हुआ। दक्षिण अफ्रीका में स्टेलेनबॉश विश्वविद्यालय के डीएसआई-एनआरएफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अध्ययनकर्ताओं में शामिल जूलियट आरसी पुलियम ने रिपोर्ट में नए संक्रमणों को ‘इम्यून-एस्केप’ के मामले बताया। यह ओमिक्रॉन पर अपनी तरह का पहला अध्ययन है।
50 म्यूटेशन, 32 केवल स्पाइक प्रोटीन में
ओमिक्रॉन में 50 म्यूटेशन की पुष्टि अब तक हुई है। इनमें 32 म्यूटेशन केवल स्पाइक प्रोटीन में हैं। म्यूटेशन, यानी वायरस द्वारा अपनी संरचना में लाए गए वे बदलाव, जो उसे अपना अस्तित्व बनाए रखने में मदद करें। स्पाइक प्रोटीन वायरस का कांटे जैसा हिस्सा है जो उसे मनुष्य की कोशिकाओं की बाहरी सतह को पकड़ने, उससे चिपकने और फिर कोशिका में दाखिल होने में मदद करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ओमिक्रॉन के स्पाइक्स में आए 10 बदलाव उसे और भी संक्रामक बना रहे हैं।
तो दुनिया भर में असर
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह ठीक हो चुके लोगों को फिर संक्रमित करने की ओमिक्रॉन की क्षमता दर्शाता है। यह भी संभव है कि वायरस ने प्रतिरोधक क्षमता पाए लोगों को संक्रमित करकेे अपनी क्षमता बढ़ा ली है। पुलियम के अनुसार ऐसा है तो ओमिक्रॉन दुनिया पर प्रभाव डालेगा।
भारत के लिए भी महत्वपूर्ण खोज
भारत में 3,40,69,608 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं। इन लोगों को ओमिक्रॉन से बचने में किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। 127.93 करोड़ डोज भी दी जा चुकी हैं। अभी इसकी भी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है कि क्या टीका ले चुके लोगों को भी ओमिक्रॉन संक्रमित कर सकता है?
4 मार्च 2020 से 27 नवंबर 2021 तक दक्षिण अफ्रीका में हुए 2,796,982 संक्रमणों का डाटा जुटाया। दक्षिण अफ्रीका नेशनल नोटिफाइएबल मेडिकल कंडीशन सर्विलांस सिस्टम से मिले इन आंकड़ों के अनुसार 35,670 लोग फिर संक्रमित होने की पुष्टि सीक्वेंशियल पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट से हुई। यह अध्ययन अवधि के आखिरी 90 दिन में हुए, जो संकेत देता है कि यह ओमिक्रॉन के मामले हो सकते हैं।
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