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Omicron शरीर में घुसकर भी दे रहा है रिपोर्ट निगेटिव, डॉक्टर ने बताया ऐसा होने पर तुरंत करें ये 3 काम

February 07, 2022


नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के अब तक के सबसे खतरनाक और तेजी से फैलने वाले वेरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) को लेकर एक के बाद एक हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि ओमीक्रोन का सबवेरिएंट यानी ओमीक्रोन बीए.2 (Omicron BA.2) में अधिक म्यूटेशन हैं, जो इसे बहुत चिंताजनक बनाता है। इसे स्टील्थ ओमीक्रोन (Stealth Omicron) के नाम से भी जाना जाता है।

हाल ही में ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा एजेंसी UKHSA ने बताया हैओमीक्रोन का सबवेरिएंट बीए.2 ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ से सिर्फ एक कदम नीचे है। स्वास्थ्य एजेंसी ने सुझाव दिया है कि यह BA.1 स्ट्रेन (मुख्य ओमीक्रोन) की तुलना में बहुत तेजी से फैलता है। इसके सबसे बुरी बात यह है कि इसे पहचाना मुश्किल हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमीक्रोन का यह सबवेरिएंट करीब 60 देशों में फैल गया है।

बीए.2 सबवेरिएंट की वजह से भारत सहित अन्य देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके सबसे अधिक मामले इंग्लैंड और डेनमार्क में देखे गए हैं। हालांकि डेनमार्क सरकार ने प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर बताया कि बीए.1 की तुलना में बीए.2 के मामले में अस्पताल में भर्ती होने में कोई अंतर नहीं दिखाता है। बेशक यह कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं करता है लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह सबवेरिएंट कितना भी हल्का क्यों न हो, एक चीज जो इसे सबसे अलग करती है, वह है इस पहचाने की प्रक्रिया।


लक्षण कोरोना के और रिपोर्ट निगेटिव
इस वेरिएंट के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें मरीज को कोरोना के लक्षण हैं लेकिन रिपोर्ट निगेटिव हैं। UKHSA के अनुसार, कोरोना के ओमीक्रोन या अन्य वेरिएंट में ‘एस’ स्पाइक जीन होता है, जिसका आरटी पीसीआर टेस्ट से आसानी से पता चल जाता है लेकिन ओमीक्रोन बीए.2 में कोई एस जीन ड्रॉप आउट नहीं होता है, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि कोरोना के लक्षण होने पर भी आपकी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है, जिस वजह से आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है।

ऐसा होने पर आपको क्या करना चाहिए
अमेरिका के महामारी विज्ञानी फहीम यूनुस ने ओमीक्रोन के लक्षणों को हल्के में लेने के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि भले ही किसी की रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन उसे सतर्क रहना चाहिए। आपको सिर्फ रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसके लिए आपको तीन काम करने चाहिए। पहला, डॉक्टर ने बताया कि अगर किसी को गले में खराश या बुखार जैसे लक्षण हैं, तो उसे बिना सोचे-समझे सबसे पहले कोरोना की जांच करानी चाहिए। दूसरा, अगर रिपोर्ट निगेटिव है, तो अगले 24 से 48 घंटों में फिर से टेस्ट कराना चाहिए। इस बार रैपिड एंटीजन टेस्ट के बजाय RT PCR टेस्ट कराना चाहिए। तीसरा काम यह है कि इस दौरान कम से कम 5 से 10 दिनों तक सबसे अलग रहें।

कोरोना की कौन सी जांच सबसे सटीक
बेशक रैपिड एंटीजन टेस्ट और सेल्फ-टेस्टिंग किट अच्छा रिजल्ट देते हैं लेकिन पीसीआर टेस्ट कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय और सटीक टेस्ट है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आरटी पीसीआर टेस्ट विशेष नैदानिक प्रक्रियाओं की एक सीरीज से गुजरता है और पूरे वायरस आरएनए को देखता है, जबकि एक एंटीजन परीक्षण केवल प्रोटीन भाग को देखता है।

कोरोना के नियमों का पालन करें
कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। बहुत से लोगों में लक्षण भी नहीं दिख रहे हैं इसलिए आपको कोरोना से बचने के लिए कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करते रहना चाहिए। बेशक मामले कम हो रहे हैं लेकिन आपको वैक्सीन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन करना चाहिए। ऐसे नाजुक समय में सावधान रहना चाहिए और खुद को और दूसरों को घातक वायरस से बचाने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने चाहिए।

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