नई दिल्ली। ओमिक्रॉन (omicron) से बचाव के लिए वैक्सीन की बूस्टर (vaccine booster) यानी अतिरिक्त खुराक को अहम विकल्प माना जा रहा है लेकिन दिल्ली में ऐसे भी मामले अब सामने लगे हैं जिन्हें तीसरी खुराक (third dose)लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण (corona infection)हुआ है। ऐसे मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन संक्रमण (omicron infection) की पुष्टि भी हुई है। यह तीनों मरीज इनदिनों लोकनायक अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले सप्ताह शुक्रवार को एकसाथ मिले 12 मरीजों में यह भी शामिल थे।’पिछले सप्ताह इन तीनों मरीजों में ओमिक्रॉन संक्रमण की पहचान हुई है। फिलहाल यह सभी ओमिक्रॉन वार्ड में भर्ती हैं लेकिन इनमें से किसी में भी संक्रमण के लक्षण नहीं है।’ अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, ‘देश में अभी तक बूस्टर खुराक की स्वीकृति नहीं मिली है।
यह लोग हाल ही में विदेश यात्रा पर गए थे और वहां इन्होंने वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक ली थी। दिल्ली आने के बाद एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग (airport screening)में जब कोरोना संक्रमण की पहचान हुई तो इन्हें यहां भर्ती कराया गया।’ हालांकि इन्होंने किस वैक्सीन की बूस्टर यानी अतिरिक्त खुराक ली थी? इसके बारे में जानकारी अब तक सामने नहीं आ पाई है। ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद कई देशों ने बूस्टर खुराक की मंजूरी दे दी है। जर्मनी जैसे देशों में तो अब बच्चों को भी संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत सरकार (Indian government)ने भी अब तक वैक्सीन के बूस्टर खुराक को हरी झंडी नहीं दी है। हाल ही में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि सबसे पहले भारत में सभी लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेट करना सरकार की प्राथमिकता है।
लोकनायक अस्पताल के अनुसार अब तक यहां 50 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा चुका है जिनमें कुल 22 लोग ओमिक्रॉन संक्रमित मिले हैं। इनमें से 10 मरीजों को छुट्टी मिल चुकी है और 12 ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों का इलाज अभी चल रहा है जानकारी मिली है कि इन 22 में से करीब 14 मरीज ऐसे भी भी हैं जिन्होंने वैक्सीन की दोनों खुराक काफी समय पहले ली हैं। वहीं तीन मरीज तीसरी खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हुए हैं। हालांकि पांच मरीजों का टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है। बहरहाल अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि टीकाकरण को लेकर इन मरीजों में अंतर जरूर है लेकिन संक्रमण का जोखिम किसी में भी देखने को नहीं मिला है। 22 में से केवल दो ही मरीजों में अब तक लक्षण देखने को मिले हैं और इनमें से एक मरीज दोनों खुराक लेकर टीकाकरण पूरा कर चुका है।
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