नई दिल्ली । देश में ओमिक्रॉन (omicron) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस खतरे के बीच अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) सरकार के लिए कड़ी चुनौती साबित होने वाले हैं। इसी के मद्देनजर आज यानि 27 दिसंबर को चुनाव आयोग (Election commission) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) के बीच अहम बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि देश में कोरोना की विकराल स्थिति को देखते हुए कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।
अगले साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियों के बीच आयोग के शीर्ष अधिकारी सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ बातचीत करेंगे। सूत्रों ने बताया कि आयोग द्वारा भूषण से कोविड-19 की स्थिति और ओमिक्रॉन स्वरूप के प्रसार के बारे में विस्तृत जानकारी लेने की संभावना है।
गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा। निर्वाचन आयोग अगले महीने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। आयोग चुनाव प्रचार, मतदान के दिनों और मतगणना की तारीखों के लिए अपने कोविड-19 प्रोटोकॉल में सुधार को लेकर भूषण से सुझाव भी मांग सकता है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के राज्य का दौरा करने का कार्यक्रम है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर यादव की पीठ ने बृहस्पतिवार को सरकार और निर्वाचन आयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को एक या दो महीने के लिए टालने और कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच सभी राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का आग्रह किया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को देहरादून में कहा था, ”मैं अगले हफ्ते उत्तर प्रदेश का दौरा करूंगा। स्थिति की समीक्षा करने के बाद उचित फैसला किया जाएगा।” आयोग चुनाव पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहले ही पंजाब, गोवा और उत्तराखंड का दौरा कर चुका है।
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