नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में तमाम विरोधी दल भाजपा पर हमलावर है. नेशनल कॉन्फ्रेंस भी लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है. आज यानी मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, चुनाव हो या ना हो, हम भिखारी नहीं हैं. मैं बार-बार कहता हूं कि कश्मीरी भिखारी नहीं है. चुनाव हमारा हक है, लेकिन इस हक को हासिल करने के लिए भीख नहीं मांगेंगे.
उमर जम्मू कश्मीर के अंनतनाग एक सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, हम झोली नहीं फैलाएंगे. आप चाहें तो चुनाव कराएं, ना चाहें को न कराएं. उन्होंने भाजपा वाले चुनाव टालने की हरसंभव कोशिश कर रहे है. ये लोग कश्मीर के लोगों को तंग करना चाहते हैं. इन लोगों को यहां लोगों को तंग करने का शौक है.
भाजपा कश्मीर के लोगों तंग करना चाहती है
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की जमीनों से बेदखल किया जा रहा है.भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जानती है कि एक चुनी हुई सरकार लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करेगी, जबकि वे केवल उनमें नमक छिड़कते हैं.नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने यह भी दावा किया कि हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर ग्राम रक्षा रक्षकों को हथियार देने का सरकार का निर्णय विफलता की स्वीकारोक्ति है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के समय भाजपा का यह दावा कि “बंदूक संस्कृति कम होगी, लेकिन ये झूठ साबित हुई.
‘370 हटने के बाद बढ़ी बंदूक संस्कृति’
उन्होंने कहा 5 अगस्त 2019 को, देश को बताया गया कि कश्मीर में बंदूक संस्कृति धारा 370 के कारण है और धारा 370 को निरस्त करने के साथ, बंदूक संस्कृति कम होने लगेगी. हालांकि,ऐसा हुआ नहीं. राजौरी में जिस तरह का हमला हमने देखा और कश्मीर में जो हालात हैं, वहां सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई जा रही है… यह सब इस बात की ओर इशारा करता है कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है.
ग्राम रक्षा समितियों को सीआरपीएफ देगा प्रशिक्षण
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में राजौरी जिले में धंगरी घटना के बाद ग्राम रक्षा गार्डों (VDG), जिन्हें पहले ग्राम रक्षा समितियों (VDC) के रूप में जाना जाता था, को फिर से हथियार देना शुरू कर दिया है, जिसमें सात लोग मारे गए थे.अधिकारियों ने सोमवार को बताया था कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) वीडीसी को हथियार प्रशिक्षण देगा ताकि वे बेहतर तरीके से आतंकवादी हमले का मुकाबला कर सकें.
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