नई दिल्ली। जेएंडके नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (omar abdullah) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जम्मू कश्मीर जिला परिषद चुनाव (DDC) पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर जिला परिषद डीडीसी चुनावों का जिक्र करते हुए पीएम ने आज कहा कि लोकतंत्र की जीत हुई है, लेकिन सरकार ने शोपियां में चुनाव लड़ने वालों को परेशान करना शुरू कर दिया है. उन्हें बिना किसी कारण के नजरबंदी में रखा जा रहा है.
उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि डीडीसी के चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया था. हमारी पार्टी की एक महिला जो शोपियां में चुनाव जीती थी उसे अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने बताया कि हमारे पास इसे साबित करने के लिए एक फोन रिकॉर्डिंग है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू कश्मीर की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सफल निकाय चुनाव का आयोजन किया, लेकिन मुझे लोकतंत्र का पाठ सिखाने वाले दल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुड्डुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दे रहे हैं.पीएम मोदी ने पीडीपी के साथ गठबंधन कर बनाई सरकार के दिनों को याद करते हुए बताया कि बीजेपी ने पंचायत चुनाव के लिए ही सत्ता सुख छोड़ा था.
वहीं इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अब जम्मू-कश्मीर में कभी भी विधानसभा चुनाव कराने का नहीं सोचेगी. अगर बीजेपी सरकार लोकतंत्र में विश्वास रखती है तो उन्होंने केंद्र साशित प्रदेश के लिए विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी होगी. डीडीसी चुनाव में हार के बाद उन्हें नहीं लगता कि बीजेपी यहां कभी भी विधानसभा चुनाव कराएगी.
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन पर डीडीसी के चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद हॉर्स ट्रेडिन व दलबदल की सुविधा देने का आरोप लगाया. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि कुछ दल संख्याबल बढ़ाने के लिए धन, बाहुबल और सरकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. उमर अब्दुल्ला का यह बयान उस समय आया है जब पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी की घोषणा की. इसके बाद दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में इमाम साहिब-1 से जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य यासमीन जान पार्टी में शामिल हुए हो गए.
आपका बता दें कि जम्मू-कश्मीर के प्रथम जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में बेहद करीबी मुकाबला देखने को मिला, जहां 19 सीटों पर जीत-हार का अंतर 100 से भी कम वोटों का रहा. राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन 19 उम्मीदवारों में से आठ निर्दलीय हैं, जबकि बीजेपी के तीन, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के दो-दो तथा जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के एक-एक उम्मीदवार हैं.
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