नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) की स्पेशल सीबीआई अदालत (Special CBI Court) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में (In Disproportionate Assets Case) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM of Haryana) ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) को शुक्रवार को 4 साल की सजा सुनाई (Sentenced to 4 Years) और पचास लाख रुपए (Rs.50 Lakh) का जुर्माना (Fine) भी लगाया। इतना ही नहीं, कोर्ट ने चौटाला की चार संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कोर्ट रूम से ही ओम प्रकाश चौटाला को हिरासत में लेने का आदेश दिया है। इस तरह चौटाला कोर्ट से सीधे जेल जाएंगे। चौटाला की तरफ से इस मामले में अपील फाइल करने के लिए 10 दिन का समय मांगा गया था, इस पर जज ने कहा कि आप हाई कोर्ट जाइए। बता दें कि गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने वर्ष 1993 से 2006 के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दोषी करार दिए गए ओपी चौटाला और सीबीआई के वकीलों की गुरुवार को सजा पर बहस सुनी थी। ओपी चौटाला ने बहस के दौरान बुढ़ापे और चिकित्सा आधार पर कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अधिकतम सजा देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे समाज में संदेश जाएगा। एजेंसी ने कहा कि चौटाला का बेदाग इतिहास नहीं है और यह दूसरा मामला है, जिसमें उन्हें दोषी करार दिया गया है। अदालत ने पिछले सप्ताह चौटाला को दोषी करार देते हुए कहा कि आरोपी उक्त अवधि में ज्ञात आय के स्रोत से इतर हासिल अतिरिक्त संपत्ति का संतोषजनक हिसाब देने में असफल रहा।
सीबीआई ने चौटाला के खिलाफ वर्ष 2005 में मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने 26 मार्च 2010 में दाखिल आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला ने वर्ष 1993 से 2006 के बीच वैध आय से अधिक संपत्ति बनाई। सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से पांच मई 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ साठगांठ कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल व अचल संपत्ति अर्जित की। यह संपत्ति चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित की गई। सीबीआई के मुताबिक चौटाला ने आय से 6.09 करोड़ रु. से अधिक संपत्ति अर्जित की जो उनके ज्ञात आय के स्रोत से 189.11 प्रतिशत अधिक थी।
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