नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर उनकी टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है. राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को जबरन पारित कराया गया और यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है.
दरअसल, बजट सत्र के आखिरी दिन संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोनिया की टिप्पणी का उल्लेख किया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “एक वरिष्ठ सदस्य की ओर से लोकसभा की कार्यवाही पर प्रश्न उठाना उचित नहीं है.”
कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की प्रमुख सोनिया गांधी ने गुरुवार (3 अप्रैल) को सरकार पर वक्फ (संशोधन) विधेयक को मनमाने ढंग से पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है और यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की BJP की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.
उन्होंने संसद भवन परिसर में संपन्न CPP की बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक, निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली, भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक स्थिति, संसद में गतिरोध, विपक्ष के नेताओं को “बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने” और कई अन्य विषयों को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया था.
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