टोक्यो । भारत (India) की महिला गोल्फर (Women Golfer) अदिति अशोक (Aditi Ashok) शानदार प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में महिलाओं की व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले इवेंट में चौथे स्थान (Fourth place) पर रहीं।
चौथे और अंतिम राउंड के अंतिम क्षणों में की गई कुछ गलतियां अदिति को पदक से दूर ले गईं। वह तीन राउंड तक पदक की दौड़ में बनी हुई थीं। चौथा स्थान भी अदिति के लिए हर मायने में सराहनीय कहा जाएगा। अपना दूसरा ओलंपिक खेल रहीं अदिति रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही थीं, लेकिन टोक्यो में अदिति ने शुरू से ही शानदार प्रदर्शन किया और तीसरे राउंड की समाप्ति तक टॉप-3 में बनी रहीं।
चार राउंड में 15-अंडर स्कोर 269 जुटाने वाली 23 साल की अदिति से पहले यह मुकाम कोई भारतीय हासिल नहीं कर सका है। भारत के लिए खेलों में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, जिमनास्ट दीपा करमाकर और निशानेबाज जॉयदीप कर्माकर ने जो मुकाम हासिल किया है, अदिति का प्रदर्शन हर लिहाज से उससे मेल खाता है।
विश्व की नम्बर-1 अमेरिका की एलपीजीए चैम्पियन नेली कोर्डा ने17-अंडर स्कोर 267 के स्कोर के साथ इस इवेंट का स्वर्ण जीता जबकि रजत जापान की मोने इनामी के खाते में गया। मोने ने तीसरे स्थान के लिए हुए प्लेऑफ मुकाबले में न्यूजीलैंड की लीडिया को हराया।भारत की एक अन्य गोल्फर दीक्षा डागर हालांकि प्रभावित नहीं कर सकीं। दीक्षा 60 गोल्फरों के बीच संयुक्त रूप से 50वें स्थान पर रहीं।
कहां हुई अदिति से गलती :
तीन दिनों की मेहनत के बाद चौथे राउंड में 12वें होल से बिगड़ा अदिति का गणित। अदिति ने 11वें होल तक भी दूसरा नंबर बना रखा था, लेकिन 12वें से मोने ने लगातार चार बर्डी बनाई और बेहद आगे निकल गईं, जबकि अदिति और को के बीच तीसरे स्थान के लिए मुकाबला चलता रहा।
10वें और 11वें होल पर बोगी करने वाली को ने 13वें, 14वें और 15वें होल में बर्डी बनाई, जबकि अदिति 13वें और 14वें होल में ही बर्डी बना सकी और पिछड़ गईं।
को ने 16वें होल में बोगी की, लेकिन 17वें में बर्डी करते हुए हिसाब बराबर कर लिया। इसके उलट अदिति लगातार पार ही खेलती रहीं।
आखिरी होल में अदिति के पास बर्डी का मौका था, लेकिन वह महज कुछ सेंटीमीटर से चूक गईं और को से आगे निकलकर कांस्य की होड़ में बने रहने का दावा भी खो दिया।
कहां ठहरता है अदिति का यह प्रदर्शन :
अदिति ने बेशक चौथा स्थान हासिल किया लेकिन उनका यह प्रदर्शन भारतीय गोल्फ ही नहीं बल्कि ओलंपिक प्रदर्शनों के लिहाज से भी एक मील का पत्थर है। इसे उच्च श्रेणी में रखा जाएगा और जब भी किसी महिला एथलीट के ओलंपिक परफार्मेंस की बात की जाएगी तो अदिति का नाम जरूर लिया जाएगा।
भारत के ओलंपिक इतिहास में ऐसे कई मौके आए हैं जब हमारे एथलीट बहुत कम अंतर से पदक से चूके हैं। अदिति का भी नाम इसमें जुड़ गया है।
इन एथलीटों में सबसे पहला नाम मरहूम मिल्खा सिंह का आता है जो 1960 के रोम ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहे। इसके बाद पीटी ऊषा (1984 लॉस एंजेलिस), गुरचरण सिंह (सिडनी, 2000), लिएंडर पेस-महेश भूपति (एथेंस 2004), जयदीप करमाकर (लंदन 2012), अभिनव बिंद्रा, दीपा करमाकर और रोहन बोपन्ना-सानिया मिर्जा (सभी रियो 2016) का नाम आता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved