भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग ने वर्ष 1995 से 2000 के बीच बने एमपी 30 सीरीज के 13 डिजिट वाले मतदाता परिचय पत्र को दो साल पहले ही अभियान चलाकर खत्म कर दिया था। उनकी जगह 10 डिजिट वाले नए मतदाता परिचय पत्र बनाकर मतदाताओं को दिए जाने थे। लेकिन घर-घर सर्वे होने के बाद भी ऐसे मतदाता सामने नहीं आ सके। वर्तमान में भोपाल जिले में 15 हजार ऐसे हैं जिनके पास एमपी-30 सीरीज के 13 डिजिट वाले मतदाता परिचय पत्र हैं और वे इन कार्डों को न तो बदलवा रहे हैं और न ही इसकी जानकारी बीएलओ (बूथ लेवल आफिसर) को दे रहे हैं। जिला निर्वाचन आयोग का कहना है कि एमपी-30 सीरीज के कार्ड वाले मतदाता अपना नाम वोटर लिस्ट में जरूर चैक कर लें, यदि उनके नाम नहीं है तो वे पुराने कार्ड सरेंडर कर नए बनवा लें, नहीं तो मतदान करने में दिक्कत होगी। क्योकि एमपी-30 सीरीज के अधिकतर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि जिन मतदाताओं के पास एमपी-30 सीरीज के मतदाता परिचय पत्र हैं वे बीएलओ को इसकी जरूर जानकारी दें ताकि बीएलओ यह जांच कर बता सके कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं। यदि सूची में नहीं है तो नया वोटर कार्ड बनवाएं। यदि नाम है तो वह 10 डिजिट वाले किस नंबर पर है, इसकी भी जानकारी लें, ताकि नया वोटर कार्ड कार्यालय से प्राप्त किया जा सके।
2018 और 2019 में चला अभियान रहा फ्लाप
एमपी -30 सीरीज के बचे हुए 20 हजार से अधिक मतदाताओं के वोटर कार्ड को बदलवाने के लिए भारत सरकार ने अप्रैल 2018 और फिर वर्ष 2019 में अभियान चलाया। लेकिन ये दोनों अभियान फ्लाप ही रहे। बीएलओ घर-घर तो गए, लेकिन किसी ने भी एमपी-30 सीरीज के वोटर कार्ड को न तो चैक किया और न ही उनके संबंध में जानकारी मांगी, वे तो मतदाताओं का नाम चैक करके रवाना हो गए। वर्ष 2019 में मतदाता रजिस्टर तक में एमपी-30 सीरीज वाले मतदाता के लिए अलग से कॉलम रख दिया गया, लेकिन बीएलओ ने फिर भी इन कॉलमों को न तो भरा और न ही इसकी जानकारी हासिल की।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved