60 करोड़ खर्च करेगा शासन, इंदौर में नए रिकॉर्ड भी पोर्टल पर हो रहे हैं अपलोड
इंदौर। शासन लगभग 60 करोड़ रुपए की राशि प्रदेशभर के राजस्व रिकॉर्डों के डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट पर खर्च कर रहा है, जिसके चलते सभी जिलों में राजस्व संबंधी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध करवाए जाएंगे। इंदौर जिले में इसकी शुरुआत हो गई है, जहां पर अत्याधुनिक रिकॉर्ड रूम, स्कैन किए गए दस्तावेज, जिनमें मिसल, खसरा, नामांतरण पंजी की प्रामाणित प्रति आईटी सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध होगी। पुराने रिकॉर्डों की भी प्रमाणित प्रतिलिपि मिलेगी। वहीं नए रिकॉर्डों को भी पोर्टल पर स्कैन कर अपलोड लगातार किया जा रहा है।
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड प्रोजेक्ट के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी तरह के लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइज्ड किए जाएं, ताकि सुरक्षित रहने के साथ उन्हें हासिल करना भी आसान हो। इसके चलते शिवराज कैबिनेट ने कल ही लगभग 60 करोड़ रुपए की राशि डिजिटाइजेशन प्रोजेक्ट के लिए मंजूर की है, जिसमें से मध्यप्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति के पास मौजूद लगभग 8 करोड़ रुपए भी इस्तेमाल किए जाएंगे। वहीं सभी जिलों में भी राजस्व रिकॉर्डों को स्कैन के बाद डिजिटल किया जा रहा है। इंदौर जिले में मॉडर्न रिकॉर्ड रूम योजना अन्तर्गत पूर्व के स्कैन किए गए डॉक्यूमेंट मिसल, खसरा, नामांतरण पंजी की प्रमाणित प्रतिलिपि आईटी सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान किए जाने की योजना का शुभाम्भ किया गया। राज्य शासन के आदेश के पालन में इंदौर जिले की तहसील हातोद व सांवेर से भू अभिलेखों की इलेक्ट्रॉेनिक प्रतिलिपि एमआरआर योजान्तर्गत स्केन किए गए दस्तावजों का ऑनलाइन प्रतिलिपि वितरण की सुविधा प्रारंभ की गई। मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के नियम 94 एवं 105 के अधीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपियों को प्राधिकृत वेबपोर्टल एवं प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से जारी किया जाना है। इस कार्य में नए अभिलेख वे होंगे, जिन्हें रिकार्ड रूम से स्केन कर भू-अभिलेख पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है तथा आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश की प्रति होगी। राजस्व अधिकारियों के माध्यम से नागरिकों को अभिलेखों की प्रतिलिपि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रदान की जायेगी। इस सेवा के प्रारंभ होने से नागरिकों को पुराने अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि तत्काल कहीं से भी ऑनलाईन प्राप्त हो सकेगी। प्राधिकृत वेबसाइट पर पब्लिक यूजर, पंजीकृत होकर अभिलेखों की डिजीटली हस्ताक्षरित प्रतिलिपि निर्धारित शुल्क का भुगतान कर प्राप्त कर सकता है।
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