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श्री महाकालेश्वर मंदिर में संचालित दुर्लभ दर्शन केन्द्र पर वृद्ध, दिव्यांगजन और उज्जैनवासी अब नि:शुल्क देख सकेंगे वर्चुअल भस्म आरती

  • February 17, 2025

    • राजाधिराज बाबा महाकाल से निकटता का अद्भुत और सजीव दर्शन लाभ उठा रहे भक्त

    उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में संचालित दुर्लभ दर्शन केन्द्र पर वृद्ध, दिंव्यागजन एवं उज्जैन नगर वासियों के लिए अब नि:शुल्क वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था शुरू होने जा रही है। यह निर्णय दुर्लभ दर्शन केन्द्र ने श्रद्धालुओं का इसके प्रति बढ़ते अपार स्नेह के कारण लिया गया है। इसके तहत भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन वीआर तकनीक से होंगे। इसका लाभ लेने के लिए स्थानीय दर्शनार्थियों को केवल आधार कार्ड दिखाना होगा।



    गौरतलब है कि भगवान महाकाल के हर भक्त की कामना होती है कि उन्हें तड़के होने वाली भस्म आरती के दर्शन हो जाए, लेकिन प्रवेश संख्या सीमित और आरती का समय तय होने से कई भक्त भस्म आरती के दर्शन नहीं कर पाते हैं। महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल नहीं होने और बाबा महाकाल के दर्शन नहीं मिलने की कसक अब उज्जैन के नागरिकों को नहीं रहेगी। उज्जैन के स्थानीय नागरिक वर्चुअल रियलिटी तकनीक से नि:शुल्क भस्म आरती देखने का अनुभव उठा सकते हैं। उज्जैन को यह सौगात महाशिवरात्रि से मिलने जा रही हैं। इसके बाद उज्जैनवासियों को आधार कार्ड के माध्यम से प्रवेश कर वर्चुअल रियलिटी तकनीक से महाकाल मंदिर की भस्म आरती में शामिल होने का अनुभव मिलेगा। वीआर तकनीक से भस्म आरती, श्रृंगार, पंचामृत अभिषेक पूजन देख सकते हैं। दुर्लभ दर्शन केन्द्र मंदिर परिसर मे भगवान महाकाल के वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से सजीव दर्शन होते हैं जैसे स्वयं भस्म आरती में गर्भ गृह में उपस्थित हो। वीआर हेड सेट के माध्यम से दिनभर भक्त भस्म आरती के दर्शन कर सकते हैं। वीआर तकनीक में एक डिवाइस को सिर पर पहना दिया जाता है। जिस समय भक्त अंदर देख रहे होते है वे चाहे तो चारों ओर घूमकर भी मंदिर के अंदर का अहसास कर सकते है। डिवाइस थ्रीडी माउस की तरह काम करता है और छह डिग्रियों में मूवमेंट की सुविधा देता है।

    मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने की पहल
    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट उज्जैन आईटी पार्क, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), वर्चुअल रियलिटी (वीआर), डिजिटल टेक्नोलॉजी में मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने का सपना संजोए हुए है। टेक-एक्सआर इनोवेशन्स प्रा. लिमिटेड सीएम डॉ.यादव के सपने को साकार कर रही है। मप्र पर्यटन बोर्ड के साथ भी दुर्लभ दर्शन केन्द्र वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी की दिशा में काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव देश-विदेश की बडी कंपनियों, उद्योगों को मप्र में इनवेस्टमेंट के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसमें वीआर की महत्वपूर्ण भूमिका नजर आ रही है। उज्जैन में 2028 में आयोजित सिंहस्थ में वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी क्राउड मैनेजमेंट भी सहायक साबित हो सकती है। महाकाल मंदिर सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन एक ही स्थान पर कराए जा सकते है। टेक-एक्सआर इनोवेशन्स प्रा. लिमिटेड वर्चुअल रियलिटी की एक अग्रणी तकनीक को विकसित किया है, जिसे भारत की केंद्र सरकार द्वारा कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। यह तकनीक दर्शनार्थियों को अलग ही अनुभव प्रदान करती है, जिससे वे ऐसा महसूस करते हैं मानो वे स्वयं उस स्थान पर मौजूद हैं। उज्जैन में इस सुविधा को श्रद्धालुओं द्वारा काफी सराहा जा रहा है। मध्य प्रदेश मे विकसित वीआर स्टार्टअप देश भर में प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में दुर्लभ दर्शन केंद्र को स्थापित किया गया है। बागेश्वर धाम में शीघ्र ही दुर्लभ दर्शन केंद्र की स्थापना होने जा रही है। धीरेन्द्र शास्त्री के मार्गदर्शन में दुर्लभ दर्शन टीम ने बागेश्वर धाम एवं बाला जी का दर्शन वर्चुअल रियलिटी में तैयार किया है।

    प्रोजेक्ट में स्वयं का निवेश, कोई सब्सिडी नहीं
    सामान्यत: ऐसे निवेश कार्यक्रमों, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में एजेंसियों, कम्पनियों को सरकार द्वारा सब्सिडी एवं अनुदान राशि दी जाती है किन्तु महाकाल मंदिर में वर्चुअल रियलिटी में ऐसा नहीं है। टेक-एक्सआर इनोवेशन्स प्रा. लिमिटेड के प्रतिनिधि के अनुसार महाकाल मंदिर में वर्चुअल रियलिटी थ्री-डी प्रोजेक्ट सेटअप के लिए दुर्लभ दर्शन केन्द्र में टेक-एक्सआर इनोवेशन्स प्रा. लिमिटेड ने 25 से 30 करोड रु.का निवेश प्रस्तावित किया है। इससे मंदिर समिति को लाभ प्राप्त होगा। दुर्लभ दर्शन केन्द्र से होने वाली आय के 50 प्रतिशत हिस्से का भुगतान समय समय पर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को किया जाएगा। इससे मंदिर प्रबंध समिति को बड़ी आय होगी। टेक-एक्सआर इनोवेशन्स प्रा. लिमिटेड द्वारा वीआर टेक्नोलॉजी के विकास, लाइव थ्री-डी नेटवर्क,वीआर टेक्नोलॉजी सेटअप, थ्री-डी थिएटर और इन्फ्रास्ट्रकचर पर निवेश किया गया है। इसका उद्देश्य वीआर टेक्नोलॉजी के माध्यम से मंदिर आने वाले दर्शनार्थी भगवान महाकाल के मंदिर इतिहास, पंरपरा और उज्जैन के पौराणिक महत्व से अवगत कराना है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि वीआर टेक्नोलॉजी से भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन की सुविधा उज्जैन नगरवासी और नि:शक्तजन वृद्धजन के लिए सेवार्थ नि:शुल्क है। महाकाल मंदिर में मानसरोवर भवन के अलावा दो अन्य स्थानों पर वीआर से दर्शन कराए जाएँगे। महाकाल मंदिर में वीआर टेक्नोलॉजी से दर्शन की सौगात, सुविधा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उज्जैन में आईटी को बढ़ावा देने के संकल्प और लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वीआर दर्शन केन्द्र युवाओं को आध्यात्म, सनातन से जोडऩे के साथ ही उज्जैन के युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है।

    सौगात अच्छी परंतु अधिकतर श्रद्धालुओं को इसके बारे में पता नहीं
    हजारों भक्त भस्म आरती में सम्मिलित होने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे भक्त जो आरती को देखना चाहते हैं, उन्हें दुर्लभ दर्शन केन्द्र की ओर से मानसरोवर भवन के प्रथम तल पर दुर्लभ दर्शन केन्द्र में वीआर तकनीक से भस्म आरती देखने की सुविधा प्रदान की जाती है। कंपनी को इसके थियेटर के लिए मंदिर परिसर जगह आवंटित है। अग्रिबाण को वीआर टेक्नोलॉजी दर्शन के संबंध में एक दर्शनार्थी ने बताया कि महाकाल मंदिर प्रशासन का अच्छा और सुखद अनुभूति देने वाला प्रयास है, लेकिन ज्यादातर श्रद्धालुओं को इस दुर्लभ दर्शन व्यवस्था की जानकारी नहीं होती हैं। इसके वृहद प्रचार की आवश्यक है। महाकाल मंदिर मे इस अद्भूत व्यवस्था का होना गर्व की बात हैं। इस सौगात के संबंध में एक बुजुर्ग दम्पति ने बताया कि विशेष वीआर टेक्नोलॉजी से भगवान महाकाल की भस्म आरती दर्शन हो रहे हैं। इसका व्यापक प्रचार प्रसार मंदिर समिति को करना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु इसे देख सके और दर्शन लाभ ले सकें।

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