नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में इसकी घोषणा की. उन्होंने ट्वीट कर कहा. ‘आज लोहडी के शुभ अवसर पर मुझे हिमाचल के कर्मचारियों की लंबित मांग OPS को बहाल करते हुए बहुत खुशी हो रही है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि कर्मचारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिमाचल के विकास मे अपना पूर्ण सहयोग देंगे.’
सीएम सुक्खू ने विधानसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का वादा किया था. उन्होंने आज अपने वादे को पूरा कर प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ा तौहफा दिया है. सीएम सुक्खू ने गुरुवार को राज्य सचिवालय में कर्मचारियों को दिए भाषण में कहा था कि हम वोटों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं कर रहे, बल्कि हिमाचल के विकास में इतिहास रचने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और उनके आत्मसम्मान के संरक्षण के लिए ऐसा कर रहे हैं.
कांग्रेस की विचारधारा प्यार, भाईचारे और सच्चाई की मिसाल है। आज लोहडी के शुभ अवसर पर मुझे हिमाचल के कर्मचारियों की लंबित मांग OPS को बहाल करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि कर्मचारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हिमाचल के विकास मे अपना पूर्ण सहयोग देंगे । pic.twitter.com/eIt2btE4wE
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 13, 2023
पेंशन देती है आत्मसम्मान- CM सुक्खू
उन्होंने कहा था कि पेंशन आत्मसम्मान देती है क्योंकि इसकी वजह से माता-पिता बच्चों पर आश्रित नहीं रहते. मेरी मां अपने बच्चों पर आश्रित नहीं हैं क्योंकि मेरे पिता की पेंशन से उनकी जरुरतें पूरी होती हैं. सुक्खू ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन प्रदान करने की दिशा में काम करेगी. उन्होंने कहा था कि इस विषय का गहन अध्ययन किया गया है और वित्तीय अधिकारियों की कुछ आपत्तियों के बावजूद मुद्दे का समाधान निकाल लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि नई पेंशन योजना के तहत शामिल सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाया जाएगा.
हिमाचल में करीब 2.75 लाख सरकारी कर्मचारी
बता दें कि सरकारी सेवा में एक जनवरी 2004 से आने वाले कर्मियों को नयी पेंशन योजना के दायरे में रखा जाता है, जिसमें सरकार और कर्मचारी पेंशन निधि में क्रमश: 10 और 14 प्रतिशत योगदान देते हैं. पुरानी पेंशन योजना में 20 साल दे चुके कर्मचारियों को पेंशन के रूप में उनके आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत मिलता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 2.75 लाख है. इनमें से करीब 1.5 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना के तहत आते हैं.
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