• img-fluid

    551 करोड़ में जवान होंगे मप्र के उम्रदराज बांध!

  • March 11, 2022

    • जुलाई 2019 में तैयार कार्ययोजना अब होगी साकार
    • प्रदेश में सौ वर्ष पुराने बांधों का होना है पुनरुद्धार

    भोपाल। भूगर्भशास्त्रियों और वैज्ञानिकों की चेतावनी के बाद केंद्रीय जल आयोग ने जुलाई 2019 को मप्र के 59 बांधों सहित देशभर के 100 साल पुराने 220 बांधों के पुनरुद्धार की कार्ययोजना बनाई थी। अब करीब 3 साल बाद सरकार को अपनी कार्ययोजना की याद आई है और मप्र के दरक रहे उम्रदराज बांधों को जवान बनाने (पुनरुद्धार करने)के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। प्रदेश के 27 बांध तो ऐसे है जो जर्जर हो गए हैं। उनमें से अधिकांश खतरे की जद में हैं। इन जर्जर बांधों को बचाने सरकार विश्व बैंक से 551 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। जानकारी के अनुसार प्रदेश के बीरपुर, चंदिया, देपालपुर, रुमल तथा माही बांध का निर्माण करीब 100 साल पहले या उसके आसपास हुआ था। अब ये बांध जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। ऐसे 27 बांधों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन कार्य कराने सरकार विश्व बैंक से 551 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। एक पंथ दो काज की तर्ज पर सरकार बांधों के पुनरुद्धार करने के साथ ही सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर जोर दे रही है। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सिंचाई सुविधा में वृद्धि के प्रयासों के तहत अब बूढ़े हो चुके करीब दो दर्जन से अधिक बाधों का नए सिरे से रखरखाव किए जाने की तैयारी की गई है।


    बांध सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की तैयारी
    बांधों की सुरक्षा के लिए ऑडिट कराने सहित बांध सुरक्षा अधिनियम को लागू करने की तैयारी है। बांध सुरक्षा अधिनियम में लापरवाही पाए जाने पर इंजीनियर को दो साल तक की सजा का प्रावधान होगा। महत्वूपर्ण बांधों एवं नहरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, पुराने गेटों की मरम्मत और बांध सुरक्षा में नवीन तकनीक सहित आरटीडीएएस प्रणाली का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रणाली बारिश के समय चेतावनी देती है। सरकार विश्व बैंक से जिन 27 बांधों का सुदृढ़ीकरण, नवीनीकरण और उन्नयन कार्य कराने जा रही है, उनमें 5 बांधों की आयु करीब सौ साल या उसके आसपास है, जबकि कुछ बांध 50 और कुछ की आयु 30 साल से ज्यादा हो चुकी है। इसके पहले भी सरकार ने 193 बांधों का पुनरुद्धार विश्व बैंक से 1,900 करोड़ का कर्ज लेकर किया था।

    इन जर्जर बांधों को सुधारा जाना है
    प्रदेश में जिन 27 बांधों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन कराया जाना है उनमें भवगंत सागर (1985), बीरपुर टैंक (1908), चंदिया बांध (1926), चंदौरा प्रोजेक्ट (1986),चौरल प्रोजेक्ट (1988), देपालपुर (1931), दोकारी खेडी (1956), हताईखेड़ा (1962), कलियासोत (1991), कंचन टैंक (1979), कैरवा डैम (1973), खुदी टैंक(1982), माही प्रोजेक्ट (1913), मानसरोवर (1978), मटियारी (1986), नंदनवारा टैंक (1964), रुमल टैंक (1910), साकाल्दा डैम (1981), तिल्लार प्रोजेक्ट (1987), बौहरीबंद (1998), पोपलिया कुमार (1980) और बीर सागर 1970 शामिल हैं। जल संसाधन विभाग के ईएनसी मदन सिंह डाबर का कहना है कि प्रदेश के 27 जर्जर बांधों को सुधारने के लिए विश्व बैंक से करीब 551 करोड़ का कर्ज लिया जा रहा है, जिससे इन बांधों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन कराया जा सके। बांध सुरक्षा अधिनियम जल्द लागू की जाएगी।

    Share:

    सस्ते सोलर कुकर और बल्व देगा ऊर्जा विकास निगम

    Fri Mar 11 , 2022
    बिजली की झंझट से मिलेगी मुक्ति भोपाल। गर्मियां शुरु होते ही बिजली जाने के मामले बढऩे लगे हैं। इसी के साथ बिजली बिलों के ज्यादा आने की शिकायतें भी लगातार सामने आ रहीं हैं। बिजली की ऐसी झंझटों से अब मुक्ति मिल सकती है। मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम आमजन को फिर से बेहद सस्ते सोलर […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved