नई दिल्ली। ओला इलेक्ट्रिक ने सोमवार को अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार (Ola Electric Car) की एक और झलक पेश की। सीईओ भाविश अग्रवाल ने अपनी कंपनी के पिछले साल एस 1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर को पेश करने और बिक्री शुरू करने के बाद इसे अगले बड़े कदम के रूप में बताया। ओला इलेक्ट्रिक कार 2024 में अपने आधिकारिक लॉन्च के लिए तैयार है और इसे पहले से ही देश में बैटरी से चलने वाले सबसे तेज चार पहिया वाहन होने का दावा किया जा रहा है।
ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि उसने अपने S1 Pro (एस1 प्रो) स्कूटर की 70,000 यूनिट बेची है और सोमवार को अपना अधिक किफायती एस1 स्कूटर भी 99,000 रुपये में लॉन्च किया। लेकिन अब कंपनी का पूरा ध्यान ओला इलेक्ट्रिक कार पर है, जो चार सेकंड में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने का दावा करती है। कंपनी का दावा है कि एक बार फुल चार्ज किए जाने के बाद यह इलेक्ट्रिक कार 500 किमी की दूरी तय कर सकती है।
अग्रवाल का यह भी दावा है कि इलेक्ट्रिक कार में ऑल-ग्लास रूफ, कीलेस ऑपरेशन होगा, इसका ड्रैग कोएफिशिएंट 0.21 होगा और इसमें असिस्टेड ड्राइव टेक्नोलॉजी भी होगी। ओला इलेक्ट्रिक भारतीय ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) क्षेत्र में क्रांति लाने के कुछ बहुत बड़े वादे कर रही है और इसके एस 1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर को शुरुआती तौर पर बहुत जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। हालांकि कई संकेत बताते हैं कि ग्राहकों की प्रतिक्रिया में कमी आई है, जबकि कंपनी का दावा है कि वह बेंगलुरु के पास अपने फ्यूचर फैक्ट्री में उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखे हुए है। अग्रवाल ने दावा किया कि यह प्लांट पूरी क्षमता के साथ हर साल एक मिलियन (एक लाख) इलेक्ट्रिक कारों और 10 मिलियन (10 लाख) इलेक्ट्रिक स्कूटरों का निर्माण करने में सक्षम होगी।
अब सबकी निगाहें ओला इलेक्ट्रिक कार पर होगी। भारतीय ईवी स्पेस में बैटरी से चलने वाले तीन और दोपहिया वाहनों में सबसे ज्यादा दिलचस्पी देखी जा रही है। यात्री वाहन सेगमेंट में बहुत ज्यादा गतिविधि नहीं देखी गई है। मास-मार्केट सेगमेंट में तो बिलकुल भी नहीं। तीन इलेक्ट्रिक उत्पादों के साथ मास-मार्केट ईवी स्पेस में टाटा मोटर्स की एक मजबूत पकड़ बनी हुई है। इसके साथ ही अन्य खिलाड़ियों की बात करें तो इसमें Kona ईवी के साथ ह्यूंदै और ZS EV के साथ एमजी मोटर इंडिया है।
महंगी अपफ्रंट अधिग्रहण लागत से लेकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास की धीमी रफ्तार तक, के कारण चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की अपनाने की गति तुलनात्मक तौर पर काफी कम है। मारुति सुजुकी और टोयोटा जैसे निर्माता हाइब्रिड या सीएनजी, या दोनों का समर्थन कर रहे हैं। और जबकि आम सहमति हो सकती है कि ईवी अपरिहार्य हैं, मौजूदा परिदृश्य को बैटरी से चलने वाली कारों के लिए आदर्श के रूप में नहीं देखा जा सकता है। लेकिन ओला इलेक्ट्रिक इसे एक मौके के रूप में देखती है, जहां ज्यादा फायदा हो सकता है।
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