नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता ओला इलेक्ट्रिक को बड़ा झटका (Ola Electric) लगा है. इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग की घटनाओं के बीच ग्राहकों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में देरी के कारण कंपनी कंपनी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कैटेगरी में चौथे स्थान पर पहुंच गई है.
आंकड़ों के अनुसार, 30 जून तक ओला इलेक्ट्रिक के 5,869 इलेक्ट्रिक स्कूटरों का रजिस्ट्रेशन दर्ज किया गया, लेकिन इससे ज्यादा ओकिनावा ऑटोटेक के स्कूटरों रजिस्ट्रेशन हुए. इनकी संख्या 6,976 यूनिट थी. इसके बाद एम्पीयर व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड 6,534 था. वहीं, तीसरी पोजीशन की बात करें तो इस हीरो इलेक्ट्रिक का कब्जा रहा. वहीं, एथर एनर्जी मई से बढ़कर 3,797 वाहनों तक पहुंच गई, साथ ही रिवोल्ट ने जून में 2,419 वाहनों तक पहुंचने के लिए पंजीकरण में एक बड़ी छलांग देखी.
अप्रैल में टॉप पर थी ओला
ओला इलेक्ट्रिक अप्रैल में देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी थी और तब से इसने अपनी स्थिति में लगातार गिरावट हुई है. ओला की रजिस्ट्रेशन संख्या 30 मई की तुलना में 30 जून को 30 प्रतिशत से अधिक गिर गई. ओकिनावा ने मई में 9,302 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे थे और ओला इलेक्ट्रिक ने S1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर की 9,225 यूनिट्स की डिलीवरी की थी. ओला इलेक्ट्रिक के अनुसार, वे सप्लाई चैन की समस्याओं से जूझ रहे हैं, इस वजह से जून में सेल की कम रही.
जानें कंपनी ने क्या कहा?
ओला इलेक्ट्रिक ने एक बयान में कहा, “हम अपनी कस्टमर सर्विस को बेहतर बनाने पर फोकस करने के लिए महीने के लिए अपनी व्यावसायिक प्राथमिकता को कैलिब्रेट किया और अपने TAT (टर्नअराउंड टाइम) को 48 घंटों के भीतर लाया. हमें विश्वास है कि जुलाई में आपूर्ति के मुद्दे मिटने लगेंगे और हमारी मजबूत ऑर्डर बुक पूरी हो जाएगी.”
इस वजह से आ रही कमी
इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि ईवी 2-व्हीलर रजिस्ट्रेशन संख्या में लगातार गिरावट आग के बढ़ते मामलों, बैटरी विस्फोटों और बैटरी में खराबी का पता लगाने वाली सरकारी जांच के बीच नए खरीदारों के डर के कारण है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बैटरी में सुरक्षा प्रणाली की खामियां पाई हैं.
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