टोक्यो । भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian men’s hockey team) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक (bronze medal) जीत लिया है. गुरुवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल (bronze medal) मैच में भारत (India) ने जर्मनी (Germany) को 5-4 से हरा दिया. भारत (India) की जीत के हीरो सिमरनजीत सिंह (Simranjit Singh) रहे, जिन्होंने सबसे ज्यादा दो फील्ड गोल (field goal) किए. सिमरनजीत(17वें एवं 34वें मिनट) के अलावा हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रूपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में स्कोर किए. वहीं, जर्मनी के लिए तिमूर ओरुज ने दूसरे, निकलास वेलेन ने 24वें, बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें और लुकास विंडफेडर ने 48वें मिनट में गोल दागे.
भारत (India) की जीत में गोलकीपर पीआर श्रीजेश (Goalkeeper PR Sreejesh) की भी अहम भूमिका रही, जिन्होंने शानदार नौ बचाव किए. टीम इंडिया 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने में कामयाब रही है. इससे पहले भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी थी.
टोक्यो खेलों में भारत का यह चौथा पदक है. इससे पहले भारोत्तोलन में मीराबाई चनू ने रजत, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य, जबकि बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने भी कांस्य पर कब्जा किया. बुधवार को पहलवान रवि दहिया ने भारत के लिए एक और पदक पक्का कर दिया है.
पहले क्वार्टर में जर्मनी का पूरी तरह दबदबा रहा. जर्मनी ने मैच के दूसरे ही मिनट में तिमूर ओरुज ने खोलकर जर्मनी को 1-0 की बढ़त दिला दी. खेल के पांचवें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन रूपिंदर पाल सिंह गोल नहीं कर पाए. फिर इस क्वार्टर के अंत में जर्मन टीम को लगातार चार पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिसे भारतीय गोलकीपर और डिफेंडरों ने नाकाम कर दिया.
दूसरे क्वार्टर में तो गोलों की बरसात हुई और कुल पांच गोल दागे गए. क्वार्टर के दूसरे ही मिनट में सिमरनजीत सिंह ने शानदार फील्ड गोल करके भारत को 1-1 की बराबरी दिला दी. इसके बाद खेल के 24वें मिनट में नीलकांत शर्मा के गलती का फायदा उठाते हुए निकलास वेलेन ने गोल कर जर्मनी को 2-1 से आगे कर दिया. फिर अगले ही मिनट में बेनेडिक्ट फुर्क ने गोल कर जर्मनी को 3-1 से आगे कर दिया.
खेल के 27वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसपर हार्दिक सिंह ने रिबाउंड के जरिए गोल करके स्कोर 2-3 कर दिया. दो मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे हरमनप्रीत सिंह ने गोल में तब्दील कर भारत को 3-3 की बराबरी दिला दी. हरमनप्रीत सिंह का यह टोक्यो ओलंपिक में छठा गोल रहा.
तीसरा क्वार्टर पूरी तरह तरह भारतीय टीम के नाम रहा. क्वार्टर के पहले ही मिनट में भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया, जिसे रूपिंदर पाल सिंह ने भुनाते हुए शानदार गोल कर दिया. फिर खेल के 34वें मिनट में गुरजंत सिंह के शानदार पास को सिमरनजीत सिंह ने गोलपोस्ट में डालकर भारत को 5-3 की बढ़त दिला दी. इसके बाद भारत को इस क्वार्टर में तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय टीम गोल नहीं कर पाई.
चौथे क्वार्टर में जर्मन टीम ने वापसी की पूरी कोशिश की. खेल के 48वें मिनट में लुकास विंडफेडर ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके स्कोर 4-5 कर दिया. फिर 54वें मिनट में जर्मनी के पास पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके मैच में बराबरी करने का मौका था, लेकिन पीआर श्रीजेश ने शानदार बचाव कर मौके को नाकाम कर दिया. आखिरी सेकेंड में जर्मनी टीम को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन एकबार फिर पीआर श्रीजेश ने बचाव कर भारत की जीत पक्की कर दी.
… टीम इंडिया का सफर
ग्रुप-ए में भारत को गत चैम्पियन अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड और स्पेन के साथ रखा गया था. वहीं ग्रुप-बी में बेल्जियम, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, नीदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें थीं. सभी टीमें एक-दूसरे से खेलीं और दोनों ग्रुप से शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचीं. भारत चार जीत और एक हार के साथ अपने ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था. फिर क्वार्टर फाइनल में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. हालांकि सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों 5-2 से हार झेलनी पड़ी थी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved