वॉशिंगटन/इस्लामाबाद। मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी(OIC) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) पर पाकिस्तान (Pakistan) के सुर में सुर मिलाते हुए भारत(India) के खिलाफ कार्रवाई(Action) की मांग की है। इस्लामिक सहयोग संगठन Islamic Cooperation Organization( OIC) के कॉन्टैक्ट ग्रुप ने गुरुवार को न्यूयार्क में एक बैठक करके दुनिया से जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में भारत के कथित जघन्य अपराधों पर पाकिस्तान की ओर से जारी डोजियर पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की। यही नहीं ओआईसी (OIC) ने भारत को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से कथित रूप से किए जा रहे उत्पीड़न पर जिम्मेदार ठहराए जाने की मांग की।
इस बैठक की अध्यक्षता ओआईसी (OIC) के महासचिव ने की। बैठक के बाद पाकिस्तान के इशारे पर जारी बयान में कहा गया है कि ओआईसी जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी पहले की स्थिति और प्रस्तावों पर कायम है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र और ओआईसी की ओर से मान्यता प्राप्त स्थिति के मुताबिक आत्मनिर्णय का हक दिया जाए। ओआईसी ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर वर्ष 1948 से एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त विवाद है।
ओआईसी ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में तब तक शांति नहीं आ सकती है जब तक कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर मुद्दे का हल न हो जाए। बता दें कि भारत ओआईसी के इस दावे को लगातार खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और अगर कोई विवाद है तो उसे बातचीत के जरिए सुलझाया जाए। ओआईसी ने भारत के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने पर भी अपनी खीझ दिखाई।
भारत ने दिया करारा जवाब
इस बीच भारत ने ओआईसी से कहा है कि ओआईसी अपने मंच का इस्तेमाल उसके आंतरिक मामलों में निहित स्वार्थों वाले लोगों को टिप्पणी करने के लिए नहीं करने दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अगस्त में कहा था, ‘ओआईसी का भारत के अभिन्न अंग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों में कोई अधिकार नहीं है। हम इस बात को दोहराते हैं कि ओआईसी सचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों वाले लोगों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।’
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