उज्जैन। इस समय जब नई पीढ़ी के लोग कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं और पुरानी पीढ़ी के जो लोग कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं वह भी मौका देखकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं, ऐसी स्थिति के बीच अब कांग्रेस सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है, लेकिन उसके लिए भी कांग्रेस सदस्य बनाने के लिए 100 रु. का शुल्क लेगी।
राजनीतिक दलों को कॉर्पोरेट घरानों से मिलने वाले चंदे में भी कांग्रेस की स्थिति खराब हो गई है। जो आंकड़े राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार इस चंदे में से 80 फीसदी राशि तो अकेले भाजपा को मिल जाती है और बाकी बची हुई 20 फीसदी राशि सभी दलों के बीच में बंट जाती है। इसमें भी कांग्रेस का नंबर तीसरे स्थान पर आ रहा है। इस स्थिति के चलते कांग्रेस गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है। ऐसे में अब मध्यप्रदेश में एक नए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस अपना सदस्यता अभियान शुरू करेगी। इस अभियान में नए सदस्य बनने वाले लोगों से सदस्यता शुल्क के रूप में 100 रुपए की राशि ली जाएगी। इस राशि से कांग्रेस संगठन को चलाने का काम किया जाएगा। पिछले दिनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं मध्यप्रदेश के प्रभारी बनाए गए हरीश चौधरी ने भोपाल में बहुत सी बैठकों में भाग लिया। इसमें एक तरफ जहां उन्होंने सभी जिला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आने वाले समय की कांग्रेस की योजना को लेकर चर्चा की तो वहीं दूसरी तरफ विभिन्न शहरों और जिले में कांग्रेस के प्रभारी बनाकर भेजे गए नेताओं की भी बैठक ली। इस बैठक में विचार-विमर्श के दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने सुझाव दिया कि कांग्रेस संगठन की माली हालत को सुधारने के लिए सदस्यता शुल्क 100 रुपए लिया जाना चाहिए। यह योजना महिला कांग्रेस में पहले से ही लागू है ओर इसके तहत कई जिलों में बड़ी संख्या में महिलाओं से सदस्यता शुल्क लेकर सदस्य बनाए गए हैं। इस प्रस्ताव से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी भी सहमत थे। सदस्यता शुल्क के प्रस्ताव को सुनने के बाद चौधरी ने भी इस पर सहमति जताई। उनका भी कहना था कि इस तरह की योजना लागू करके हम कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी का जुड़ाव भी कर सकेंगे।
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