नई दिल्ली: कभी ये डॉक्यूमेंट लाओ, कभी वो कागज जमा कराओ, ऐसा बोलकर अब अधिकारी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का काम नहीं लटका सकते हैं. सरकार ने इसे लेकर सीधा आदेश जारी कर दिया है. इसमें साफ कहा गया है अधिकारियों को कागज मांगकर काम नहीं अटकाना चाहिए और पंजीकरण के लिए ऐसे किसी कागज को जरूरी मानकर नहीं चलना चाहिए.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि कंपनियां 7 दिनों के भीतर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त कर सकती हैं. साथ ही जोखिम भरे कारोबार के लिए आवेदनों को भौतिक सत्यापन के बाद 30 दिनों के भीतर अप्रूव्ड कर दिया जाएगा. यही वजह है कि सरकार ने अब जीएसटी पंजीकरण के लिए बाकायदा डेडलाइन तैयार कर दी है.
सीबीआईसी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि कई क्षेत्र में काम कर रहे कुछ अधिकारी विभिन्न सवाल उठाकर पंजीकरण के लिए अनुचित दस्तावेज मांग रहे हैं. इसको देखते हुए सीबीआईसी ने दस्तावेजों की एक सांकेतिक सूची भी दी है, जो अधिकारी कंपनियों से ऑनलाइन मांग सकते हैं. इसके बाद पंजीकरण की प्रक्रिया को जल्द निपटाना होगा.
जीएसटी पंजीकरण करने के लिए सीबीआईसी के संशोधित निर्देश में कहा गया है कि पंजीकरण आवेदन की जांच-पड़ताल करते समय अधिकारियों को इन दस्तावेजों की मूल भौतिक प्रति यानी ओरिजनल डॉक्यूमेंट मांगते हुए सवाल नहीं उठाने चाहिए और न ही पंजीकरण करने में देर करनी चाहिए. सीबीआईसी ने कहा कि उसे जीएसटी पंजीकरण हासिल करने में होने वाली कठिनाइयों के बारे में शिकायतें मिली हैं. इनमें से ज्यादातर शिकायतें अधिकारियों द्वारा मांगे जा रहे स्पष्टीकरण की प्रकृति और अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग से जुड़ी हैं.
संशोधित निर्देश के मुताबिक व्यवसाय के मुख्य स्थान के संबंध में आवेदक को कोई भी एक दस्तावेज अपलोड करना होगा. नवीनतम संपत्ति कर रसीद या नगरपालिका खाता या मालिक के बिजली बिल की प्रति या कोई अन्य सरकारी दस्तावेज जैसे पानी का बिल जो प्रॉपर्टी की ऑनरशिप को बताता हो, काफी होगा. जिन मामलों में परिसर किराए पर लिया गया है, आवेदक को पीपीओबी से संबंधित किसी भी एक दस्तावेज के साथ वैध किराया/ पट्टा समझौता अपलोड करना होगा. आदेश में यह भी कहा गया कि आवेदक से उद्यम प्रमाण पत्र, एमएसएमई प्रमाण पत्र, दुकान स्थापना प्रमाण पत्र, व्यापार लाइसेंस जैसे कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं मांगने चाहिए. पंजीकरण आवेदनों की जांच करने वाले अधिकारियों को आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों या सूचना से संबंधित कोई भी संभावित प्रश्न नहीं पूछना चाहिए.
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