इंदौर। हमारे देश में अधिकांश लोग अभी तक यह मानते आ रहे हैं कि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा (Hindi national language of India) है, लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में सरकार (Government) ने खुद मंजूर किया है कि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है ही नहीं। इस खुलासे के बाद हिन्दी भाषा प्रेमियों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं है।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान (Mother Language Upgradation Institute) के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन अविचल ने सूचना के अधिकार में इस संबंध में जानकारी मांगी तो संबंधित विभाग ने हिंदीभाषियों की आंखें खोल देने वाला जवाब दिया। सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा मिली सूचना के अनुसार भारत (India) के संविधान में राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत संघ की राजभाषा हिन्दी (Official language Hindi) यानी राजकाज की भाषा मात्र है और लिपि देवनागरी है। भारत की आजादी के पहले से ही महात्मा गांधी हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करते आए और आजादी के बाद भी इसके लिए आंदोलन चलाए गए, किन्तु दुर्भाग्य से आज तक हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा नहीं माना गया। आखिर क्या राजनीतिक कारण इतने बड़े हो गए कि देश की अस्मिता और परिचय के साथ खिलवाड़ हो जाए! हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से हिन्दी प्रचार का संकल्प लिया गया है।
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