भोपाल। जल जीवन मिशन परियोजना (Jal Jeevan Mission Project) के तहत ग्रामीण अंचल में नल से पानी देने के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग (Public Health Engineering Department) ने हर प्रोजेक्ट के प्रगति कार्य की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। साथ ही लेटलतीफी करने वाली निर्माण एजेंसियों पर भी कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। दो कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने एवं एक कंपनी को नोटिस (Notice) थमाने के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को फरमान जारी किया है कि जल परियोजनाओं में देरी के लिए वे भी जिम्मेदार होंगे।
अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल-प्रदाय योजनाओं का निरंतर निरीक्षण करें। शासकीय अमले और निर्माणकर्ता संस्था (एजेंसी) से संवाद कर कार्य को समय-सीमा में करवाया जाना सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण आबादी को प्रदाय किए जा रहे जल की आपूर्ति नियमित होती रहे, यह सुनिश्चित करना क्षेत्र के अधिकारी की जिम्मेदारी है। इस कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
साल के अंत तक काम तेजी लाएं
एसीएस ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि समयबद्ध निर्धारित लक्ष्य-पूर्ति न करने बाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। विभाग के अधिकारी और अन्य मैदानी अमला इस वर्ष के शेष माहों में चरणबद्ध कार्यक्रम निर्धारित कर पूरे मनोयोग से दायित्वों का निर्वहन करे, जिससे समय पर निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने 50 प्रतिशत से कम और विशेषकर 25 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुँचने वाले जिलों की उपलब्धि पर असंतोष व्यक्त करते हुए कार्य में तत्काल गति लाने को कहा है।
5 महीने में पहुंचाएं स्कूल-आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी
अपर मुख्य सचिव ने स्कूल तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में नल कनेक्शन से जल पहुँचाने के लिए 15 दिसम्बर 2021 तथा रेट्रोफिटिंग में किए जा रहे कार्यों को 31 मार्च 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल-प्रदाय योजना पूर्ण होते ही ग्राम पंचायत को विधिवत सुपुर्द किया जाए, जिससे ग्राम पंचायतें इनका संचालन और संधारण कर सकें तथा जल कर राशि प्राप्त करने के कार्यवाही करती रहें।
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