भोपाल। नवागत डीजी जेल अरविंद कुमार सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद प्रदेश भर की जेलों का दौरा शुरू कर यह तय किया है कि वर्षों से जमे अधिकारियों और जवानों को जल्द अन्य जेलों में भेजा जाएगा। वहीं खासकर प्रदेश की संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जेलों में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। फेरबदल के तहत प्रदेश के कई सेंट्रल और जिला जेलों के अधीक्षकों-जेलरों को इधर से उधर किया जा सकता है। भोपाल में पदभार ग्रहण करने के अगले दिन से ही नए डीजी जेल सबसे पहले इंदौर गए थे और वहां जेल विभाग के पहले पेट्रोल पंप का उन्होंने उद्घाटन किया था। बाद में सेंट्रल जेल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने जेल में सजा काट रहे कैदियों और जेल के स्टाफ से भी चर्चा की थी।
सहायक जेल अधिक्षक निलंबित
जेल डीजी ने बालाघाट जिला जेल में पदस्थ एक महिला के साथ अभद्र और अश्लील हरकत करने सहायक जेल अधिक्षक जेवेन्द्र सिंह बुंदेला को निलंबित कर दिया है।
जेलों की वास्तविक स्थिति का आकलन
डीजी जेल मुख्यालय में बैठने के बजाए लगातार प्रदेश की जेलों का निरीक्षण कर जेलों की वास्तविक स्थिति का पता लगा रहे हैं। अब तक वह भोपाल की सेंट्रल जेल के अलावा इंदौर, सतना, रीवा और सागर सहित अन्य शहरों की जेलों का निरीक्षण कर चुके हैं। मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो डीजी जेल ने बड़े स्तर पर जेलों में फेरबदल के संकेत दिए हैं। उन्होंने जेलों में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों की रिपोर्ट भी तलब की है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश की जेलों में अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी एक ही स्थान पर वर्षों से जमे हुए हैं।
अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति
जानकारी के मुताबिक प्रदेश की संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जेलों में वर्तमान में अनुभवहीन अधिकारियों के पास जेल अधीक्षक और जेलर की जिम्मेदारी है। ऐसे संकेत दिए हैं कि इन दोनों श्रेणी के जेलों में अनुभवहीन अधिकारियों को हटाकर उनके स्थान पर जेल के पुराने और अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति होगी। डीजी के इस संकेत से जेल अधिकारियों में खलबली मच गई है और कईयों ने अपना तबादला रुकवाने के लिए जोड़-तोड़ भी शुरू कर दी है।
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