भोपाल। नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों का भार तक वहन नहीं कर पा रहा है। लिहाजा निगमायुक्त वीएस चौधरी कोलसानी ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखा है। इसमें नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे अतिशेष अधिकारियों व कर्मचारियों को मूल विभाग में भेजने के लिए शासन स्तर पर आदेश जारी करने की मांग की गई है। दरअसल, नगर निगम ने इस पत्र के जरिए अपनी पुरानी गलती में सुधार किया है। बीते साल अगस्त में प्रतिनियुक्ति पर नगर निगम में सेवाएं दे रहे कुल 66 अधिकारी व कर्मचारियों की सूची तैयारी की थी। इसमें उनके नाम शामिल किए गए, जिनकी आवश्यकता नगर निगम को नहीं थी, लेकिन जो कार्य शासन स्तर पर किया जाना था वह नगर निगम प्रशासन ने अपने स्तर पर कर दिया। नगर निगम से स्वीकृति के बाद इन्हें मूल विभाग भेजने संबंधित आदेश जारी कर दिए गए। लिहाजा दो दर्जन कर्मचारी व अधिकारी मामले को न्यायालय ले गए, फिर नगर निगम में इनकी वापसी हुई। मामले में नगर निगम की किरकिरी भी हुई। इसका खामियाजा तत्कालीन अपर आयुक्?त आरपी मिश्रा को भुगतना पड़ा था। लिहाजा अब गलती सुधार कर मूल विभाग भेजने के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई की मांग नगर निगम ने की है। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों की वजह से नगर निगम पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ता है। इसमें वाहन, डीजल, वेतन समेत अन्य सुविधाओं को मिलाकर यह राशि खर्च हो रही है। जबकि नगर निगम की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि फंड की कमी के चलते कई विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। उधर, ठेकेदारों का बकाया भुगतान का मामला भी सुलझ नहीं सका है।
जल्द हो सकता है निर्णय
निगमायुक्त के पत्र पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग जल्द संज्ञान लेने वाला है। साथ ही प्रदेश के नगर निगमों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों की सूची भी तैयार की जा रही है। अगले माह तक इस पर निर्णय लिया जा सकता है। यह निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना है। प्रतिनियुक्ति को लेकर पत्र लिखा है। ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जो नगर निगम में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनकी आवश्यकता नहीं है। नगर निगम के हित में कई निर्णय लिए जाने हैं। -वीएस चौधरी कोलसानी, निगमायुक्त
120 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर
नगर निगम में फिलहाल 120 से अधिक ऐसे कर्मचारी व अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं जिनका मूल विभाग नगरीय विकास एवं आवास विभाग नहीं है। इनकी सूची भी तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों को मूल विभाग में नहीं भेजा जाएगा। इसमें करीब 70 ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है जिनकी आवश्यकता नगर निगम को नहीं है।
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