नई दिल्ली. वैशाख के महीने में जल्द ही मासिक शिवरात्रि (Monthly Shivratri) आने वाली है. इस माह पड़ने वाली शिवरात्रि की विशेष मान्यता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रति माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पर भोलेनाथ के लिए व्रत रखा जाता है. इस दिन भक्त विभिन्न पूजा-पाठ (worship) से अपने आराध्य शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. इस महीने हिन्दू कैलेंडर की उदया तिथि के आधार पर 29 अप्रैल, शुक्रवार के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत (Shivratri Vrat) रखा जाएगा. आइए जानें पूजा से जुड़ी कुछ ध्यान रखने योग्य बातें.
शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा (Lord Shiva Puja in Shivratri )
शिवरात्रि के दिन भक्त सुबह से ही पूजा-पाठ में लीन हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि जो लड़कियां इस दिन भगवान शिव के लिए व्रत रखती हैं उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार रात के समय 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक शिव पूजा का मुहूर्त है.
शिवरात्रि की पूजा (Shivratri Puja) में यूं तो भगवान शिव को भोग में कई चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन भोग (Shivratri Bhog) में खासतौर से फल और बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं. इसके साथ ही, शिवलिंग (Shivling) पर पंचामृत चढ़ाने की विशेष मान्यता है.
पूजा के लिए मान्यतानुसार निवृत होकर स्नान किया जाता है. भक्त इस दिन अपनी इच्छानुसार या तो मंदिर का रुख करते हैं या घर के मंदिर में ही शिव प्रतिमा के समक्ष शीश झुकाकर पूजा-पाठ में लीन हो जाते हैं. पूजा के लिए हरे रंग के कपड़े पहनने बेहद शुभ माने जाते हैं, इसे भगवान शिव का प्रिय रंग भी कहते हैं. शिवरात्रि के दिन शिव जी के साथ ही उनके परिवार यानी माता पार्वती, भगवान गणेश(lord ganesh) और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है. वहीं, मान्यताओं के अनुसार शिव चालीसा पढ़ना, शिव मंत्र का जाप करना और शिव भगवान की आरती व भजन सुनने अच्छे माने जाते हैं.
(नोट: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
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