नई दिल्ली (New Delhi)। ओडिशा (Odisha train accident) में हुए तीन दशकों के सबसे भीषण रेल हादसे के 20 दिन बाद (after 20 days) रेलवे बोर्ड (railway board) ने यहां से पांच लोगों का ट्रांसफर (Transfer of five people) किया है। इनमें दक्षिण पूर्वी रेलवे के डीआरएम का ट्रांसफर भी शामिल है। बता दें कि बालासोर दक्षिण पूर्वी रेलवे (एसईआर) के ही तहत आता है।
गौरतलब है कि दो जून की शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) बालासोर के बहानागा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। जिसके बाद इसके कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे और फिर यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस (Yesvantpur-Howrah Express) से टकरा गए थे। इस हादसे में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,100 से अधिक घायल हो गए थे। हादसे की एक साथ दो जांच चल रही है। इसमें से एक एक रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा और दूसरी जांच सीबीआई कर रही है।
इनका हुआ तबादला
एसईआर के पांच तबादला आदेशों में मोहम्मद शुजात हाशमी, डीआरएम खड़गपुर, प्रिंसिपल चीफ सुरक्षा अधिकारी (पीसीएसओ) चंदन अधिकारी, पीएम सिकदर, प्रिंसिपल चीफ सिग्नल और दूरसंचार अभियंता शामिल हैं। एक डीआरएम अपने डिवीजन में सभी ट्रेन सेवाओं का प्रभारी होता है। इस बीच खड़गपुर डीआरएम सहित पांच अधिकारियों के तबादले ने एक्सपर्ट्स के बीच संदेह पैदा कर दिया है कि क्या मामले में रेलवे कर्मचारी भी दोषी हैं?
ऐसा है ट्रांसफर ऑर्डर
ट्रांसफर ऑर्डर में लिखा है कि ‘रेल मंत्रालय ने राष्ट्रपति की मंजूरी से फैसला किया है कि केआर चौधरी, वर्तमान में अध्यक्ष/आरआरबी/अजमेर के रूप में कार्यरत, उन्हें दक्षिण पूर्व रेलवे में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उन्हें शुजात हाशमी की जगह डीआरएम/खड़गपुर के रूप में तैनात किया जाना चाहिए। आगे लिखा है कि पी एम सिकदर, जो कि वर्तमान में पीसीएसटीई के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें उत्तर मध्य रेलवे में पद के साथ स्थानांतरित किया जाना चाहिए और ओएसडी और के रूप में तैनात किया जाना चाहिए। इसके अलावा वर्तमान में पीसीएसओ के रूप में काम कर रहे चंदन अधिकारी को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
तोड़फोड़ का संकेत
रेलवे के एक पूर्व अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रेलवे दुर्घटना का कारण तोड़फोड़ का संकेत दे रहा है। हालांकि उसी डिवीजन के अन्य अधिकारियों के साथ डीआरएम का स्थानांतरण संदेह पैदा करता है कि रेलवे कर्मचारियों की गलती थी। इसकी पुष्टि अंतरिम रिपोर्ट से हो सकती है। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि इन सभी तबादलों का दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये नियमित तबादले हैं।
सीआरएस की अंतरिम रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट से पहले रिपोर्ट रेलवे को नहीं सौंपी जा सकती है। हालांकि, रेलवे के पूर्व अधिकारियों ने इससे इनकार किया था। उन्होंने कहा कि सीआरएस रिपोर्ट अलग से होनी चाहिए। रेल बोर्ड के एक पूर्व सदस्य ने बताया कि सीबीआई और सीआरएस को इन निष्कर्षों पर एक अलग रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।
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