नई दिल्ली (New Delhi)। ओडिशा (Odisha) के बालासोर (Balasore) में शुक्रवार शाम को बड़ा ट्रेन हादसा (big train accident) हो गया। बहनागा बाजार स्टेशन पर पहले बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस (Bangalore-Howrah Express) और फिर उससे टकराकर कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) की बोगियां पटरी से उतर गईं। इसके बाद एक मालगाड़ी भी उनसे टकरा गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में अब तक 207 यात्रियों की मौत (207 passengers died) हो चुकी है। वहीं, 900 से अधिक घायल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि हादसा शाम 7:20 बजे बहनागा बाजार स्टेशन पर हुआ। हावड़ा जा रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी लाइन पर गिर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे उसी समय चेन्नई जा रही शालीमार चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इससे दूसरी ट्रेन की बोगियां भी पलट गईं।
कैसे दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ जाती है?
दो ट्रेन एक ही समय पर एक ही पटरी पर कैसे आ जाती हैं, इसके दो कारण हो सकता हैं। एक मानवीय भूल और दूसरा तकनीकी खराबी। ओडिशा में ट्रेन हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को अब तक वजह माना जा रहा है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबकि सिग्नल की खराबी की वजह से दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ गईं और उनमें टक्कर हो गई। दरअसल, चालक ट्रेन को कंट्रोल रूम के निर्देश पर चलाता है और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देखकर दिया जाता है।
इसे ऐसे समझिए कि हर रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी सी डिस्प्ले लगी होती है, जिस पर दिख रहा होता है कि कौन सी पटरी पर ट्रेन है और कौन सी पटरी खाली है। ये हरे और लाल रंग की लाइटों के माध्यम से दिखाया जाता है। जैसे कि अगर किसी पटरी पर कोई ट्रेन है या चल रही है तो वो लाल दिखाएगा और जो पटरी यानी रेलने ट्रैक खाली है, वह हरी लाइट दिखाता है। इसी को देख कर कंट्रोल रूम से लोकोपायलट को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार जैसे हादसा हुआ, उसे देख कर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि डिस्प्ले पर ट्रेन का सिग्नल सही नहीं दिखाई दिया और इसकी वजह से यह हादसा हुआ।
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