भुवनेश्वर। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में भारी बारिश (heavy rain) की वजह से ओडिशा सरकार (Odisha Government) ने हीराकुड डैम (Hirakud Dam) के 8 गेट बंद करने का फैसला किया है। बाढ़ को रोकने के लिए यह फैसला किया गया है। स्पेशल रिलीफ कमिश्नर प्रदीप जेना (Special Relief Commissioner Pradeep Jena) ने कहा कि कटक शहर के पास नदी से 9.1 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी पास हो रहा है। इसलिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि 11 लाख क्यूसेक पानी को रोक लिया जाए। महानदी ने निचले इलाकों में बारिश कम हुई है लेकिन अभी ऊपरी इलाकों से भारी बारिश हो रही है।
रविवार तक यह अनुमान था कि हीराकुड डैम में 7 लाख क्यूसेक पानी जाएगा। हालांकि अब यह बढ़कर 8.5 लाख क्यूसेक हो गया है। महानदी में बाढ़ की वजह से ही मंगलवार सुबह 9 बजे तक 8 गेट बंद करने का फैसला किया गया है। बताया जा रहा हैकि जगतसिंहपुर और पुरी जिलों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर होगा। वहीं केंद्रपाड़ा का भी 40 फीसदी इलाका महानदी की बाढ़ के चपेट में आएगा।
कटक के निश्चिंताकोइली, अतागढ़, बंकी और सोनपुर के बीरमित्रापुर, नयागढ़ के कांतिलो, भापुर इलाके बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। जेना ने कहा कि ओडीआरएफ, की 5 अतिरिक्त टीमें, एनडीआरएफ की 7 और फायर सर्विस विभाग की 20 टीमें लगाई गई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक महानदी बेसिन, इंद्रावती और तेल में भारी बारिश हुई है जिसकी वजह बंगाल की खाड़ी में 24 घंटे से बना कम दबाव का क्षेत्र है।
बीजेडी विधायक देबी मिश्रा ने छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने गंगरेल डैम के 14 गेट खोल दिए। उन्होंने कहा कि जब गर्मी के महीनों में ओडिशा में महानदी सूखने लगती है तब छत्तीसगढ़ सरकार पानी छोड़ने से इनकार कर देती है।
उन्होंने कहा, महानदी के पास एक बैराज भी बना दिया गया है जिससे पानी बहकर ओडिशा में ना पहुंचे और गर्मियों में किसानों के खेत सूख जाएं। अब छत्तीसगढ़ में बाढ़ आई है तो वह महानदी का पानी ओडिशा में छोड़ देना चाहता है।
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