• img-fluid

    Allahabad High Court में अब होगी ऑड-ईवन फॉर्मूले पर सुनवाई, विरोध में उतरा बार एसोसिएशन

  • June 28, 2021

    प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएन भंडारी ने मुकदमों की लिस्टिंग में दिल्ली में प्रदूषण पर दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) के ऑड-ईवन फार्मूले(odd-even formula) को लागू किया है. 28 जून से कोर्ट में लगने वाले सभी मुकदमे ऑड-ईवन नंबर में लिस्ट (All cases will be listed in odd-even number) होंगे. नये दाखिल केस एकलपीठ के समक्ष प्रतिदिन 100 और अतिरिक्त वाद सूची (एडिशनल काज लिस्ट) में 30 केस से अधिक नहीं लगेंगे. ऐसे ही डिवीजन बेंच के समक्ष नये केस 60 और अतिरिक्त सूची में 20 केस ही लगेंगे. सभी केस दाखिले की तिथि के अनुसार ऑड-ईवन नंबर से लगेंगे. जहां बंच केसेस होंगे वहां प्रथम लीडिंग केस के ऑड-ईवन देखें जायेंगे.



    कोई केस 7 दिन के भीतर तिथि तय है तो उसे उसी जज की पीठ में लगाया जायेगा, जिसने तिथि तय की है. इस नियम के वाबजूद कोर्ट अपने आदेश से किसी केस की तिथि तय कर सुनवाई कर सकेगी.
    कॉन्स्टीट्यूशनल एंड सोशल रिफॉर्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी का कहना है कि बार एसोसिएशन को विश्वास में लेकर ही सुनवाई प्रक्रिया तय करने से न्याय देना आसान हो जाएगा. दाखिले की अवधि के अनुसार केस लगाये जाये और कोर्ट निर्धारित अवधि तक बैठे तथा पीठों को उचित संख्या में केस का वितरण कर वादकारी को न्याय दिलाया जाये.
    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकान्त ओझा का कहना है कि बार-बेंच का मधुर रिश्ता बेमानी हो गया है. बिना बार एसोसिएशन को विश्वास में लिए नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं. हर नया चीफ जस्टिस नया प्रयोग कर रहा है. ऐसी परंपरा उचित नहीं है.
    हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह का कहना है कि मुकदमों की सुनवाई में ऑड-ईवन फार्मूले का बार विरोध करेगी. वकीलों को लिंक नही मिल रहा, महीनों पहले दाखिल मुक़दमे कब सुनें जायेंगे, पता नहीं चल रहा. बहस के बजाय तारीख लग रही है. घूम-फिर कर कोर्ट में वही मुक़दमे आ रहे हैं.

    बार एसोसिएशन कर रहा है विरोध
    नया फार्मूला पहले से परेशान वकीलों की कठिनाई ही बढ़ाने वाला है. बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र कहते है कि हाईकोर्ट का रोस्टर भी कोरोना वेरिएंट की तरह रोज बदल रहा है. एक परेशानी खत्म होती है तो दूसरी शुरू हो जा रही है. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श कर मुख्य न्यायाधीश को उचित निर्णय लेना चाहिए. बार को विश्वास में लिए बगैर योजना लागू करने से समाधान के बजाय परेशानी ही बढ़ेगी. बार काउंसिल के पूर्व सदस्य एस के गर्ग का कहना है कि हाईकोर्ट की पुरानी परंपरा रही है कि बार और बेंच के बीच मधुर रिश्ते बनाये रख वादकारी हित को सर्वोच्च रख न्याय प्रक्रिया चलायी जाये. उस परंपरा का लोप हो रहा है. जो सही नहीं है. उन्होंने कहा है कि बार बेंच का सहयोग जरूरी है.

    Share:

    Jammu and Kashmir फैयाज अहमद और उनकी पत्नी की घर में घुसकर आतंकियों ने की हत्या

    Mon Jun 28 , 2021
    श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के त्राल में आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी के परिवार को निशाना बनाया है. आतंकियों ने एसपीओ (SPO) फैयाज अहमद और उनकी पत्नी की घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी. इस हमले में एसपीओ फैयाज की बेटी बुरी तरह घायल है, वह अभी अस्पताल में भर्ती है. ये आतंकी वारदात दक्षिण […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved