भोपाल। राजधानी में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। आज भोपाल में 272 नए केस सामने आए हैं। यह इस बात का संकेत हैं कि अक्टूबर माह अगस्त और सितंबर से ज्यादा सितमगर होने वाला है। गौरतलब है कि सितंबर में केवल एक दिन 200 से कम संक्रमित मिले हैं। वर्ना पूरे सितंबर में आंकड़ा 200 के पार ही रहा। अब अक्टूबर में स्थिति और खराब होने वाली है। शहर में कोरोना मामले बढऩे के बावजुद मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बजाय होम आइसोलेशन में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। शहर में कोरोना का पहला मामला मार्च में मिलने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि सख्ती व लोगों की सावधानी से यहां कोरोना के गिने-चुने मामले ही सामने आएंगे, लेकिन संक्रमितों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही चला गया।
50 प्रतिशत कोराना मरीज घर पर
कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बजाय होम आइसोलेशन में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आलग यह है कि करीब 50 प्रतिशत कोराना मरीज घर पर रहकर ही इलाज करा रहे हैं। भोपाल में वर्तमान में 2802 एक्टिव मरीज हैं, जिनमेें से 1026 होम आइसोलेशन में हैं। दो माह पहले यह आंकड़ा महज 44 था। इसके पीछे वजह कोविड केयर अस्पतालों में फैलीं अव्यवस्थाओं, मरीजों का इलाज और केयर नहीं होना भी बताई जा रही है। अस्पतालों के 2894 बेड में से 1220 खाली हैं। अस्पतालों में महज 1670 बेड पर मरीज हैं, यानी 42.15 फीसदी पलंग खाली हैं। होम आइसोलेशन में रखे गए 270 मरीजों ने कॉल सेंटर की परेशानी बढ़ाई हुई है। आलम यह है कि इन मरीजों को कॉल सेंटर का अमला दिन में तीन से पांच बार कॉल करता है, लेकिन ये मरीज बारबार कॉल करने पर ही कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कॉल सेंटर से इन मरीजों का फॉलोअप सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। कॉल सेंटर के जिम्मेदारों का कहना है कि अगर मरीजों का रवैया यही रहा तो उनको कोविड अस्पताल में शिफ्ट करना होगा।
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