11 प्रस्तावित फ्लायओवरों में से तीन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट प्राधिकरण को मिली नेगेटिव, 75 मीटर चौड़े स्पान के अत्याधुनिक फ्लायओवर भी
इंदौर। प्राधिकरण ने 11 फ्लायओवरों (flyovers) के निर्माण का बीड़ा गत वर्ष उठाया था, जिनमें से चार पर काम शुरू करवा दिया है, जिनका निर्माण ठेके की शर्त के मुताबिक इस साल जून-जुलाई तक पूरा हो जाना चाहिए, मगर तीन फ्लायओवरों में तो धार्मिक स्थल की बाधा कायम है, जिसके चलते दूसरी तरफ की लेन का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। खजराना फ्लायओवर की एक लेन तो मार्च अंत तक तैयार कर दी जाएगी, जिससे बंगाली चौराहा से आने वाला यातायात इस लेन से गुजरकर रोबोट चौराहा की तरफ जा सकेगा। प्राधिकरण को अभी अन्य फ्लायओवरों के निर्माण की प्रक्रिया के चलते तीन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। यानी वहां प्रतिघंटे 10 हजार वाहनों की आवाजाही नहीं है। वहीं प्राधिकरण से अलावा एमपीआरडीसी (MPRDC) भी बोस्टिंग तकनीक से फ्लायओवरों का निर्माण कर रही है, जिसमें नीचे सडक़ पर कोई पिलर आए बिना 75 मीटर चौड़ा स्पान तैयार किया जा रहा है। एमपीआरडीसी देवास नाका, मूसाखेड़ी और आईटी पार्क चौराहा खंडवा रोड पर फ्लायओवर का निर्माण कर रही है, जिसमें नीचे चौराहा पर कोई पिलर बाधक नहीं बनेगा।
प्राधिकरण ने अपने चालू वित्त वर्ष के बजट में ही लगभग साढ़े 400 करोड़ रुपए का प्रावधान 11 फ्लायओवरों के लिए किया है, जिनमें से चार का काम इन दिनों तेज गति से चल रहा है। वहीं लवकुश चौराहा पर डबल डेकर फ्लायओवर भी निर्मित किया जा रहा है। अभी खजराना चौराहा के साथ भंवरकुआं, फूटी कोठी और लवकुश चौराहा पर फ्लायओवरों का निर्माण 24 ही घंटे कराया जा रहा है। मगर तीन फ्लायओवरों में धार्मिक स्थल, खासकर मंदिरों को शिफ्ट न कर पाने के चलते दूसरी तरफ की लेन का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। खजराना फ्लायओवर में भी हनुमानजी का एक मंदिर राइट साइड में मौजूद है, तो इसी तरह भंवरकुआं में भी बड़ा मंदिर शिफ्ट नहीं हो सका। लवकुश चौराहा पर भी स्कूल के सामने का एक मंदिर निर्माण के बीच में आ रहा है। प्राधिकरण का कहना है कि इन तीनों धार्मिक स्थलों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। नए मंदिर बनाकर उनमें मूर्तियों को शिफ्ट करना है, जैसे पूर्व में भी बीआरटीएस (BRTS) से लेकर अन्य जगह किए गए हैं। लेकिन इस चक्कर में फ्लायओवरों का निर्माण तय समयसीमा में पूरा नहीं होगा। वैसे तो इस साल जून-जुलाई तक ही इन चारों फ्लायओवरों का निर्माण पूर्ण हो जाना था और टेंडर में ठेकेदारों के साथ यही शर्त भी है, लेकिन चूंकि साइट क्लीयर नहीं दी गई, इसलिए प्राधिकरण को एक्सटेंशन की अनुमति देना पड़ेगी और उसमें भी उसे आर्थिक हानि उठाना पड़ेगी। प्राधिकरण का कहना है कि खजराना फ्लायओवर की एक लेन तो मार्च में ही यातायात के लिए शुरू कर दी जाएगी, क्योंकि इसका काम तेज गति से चल रहा है। वहीं उम्मीद है कि फूटी कोठी फ्लायओवर भी साल के अंत तक पूरा हो जाएगा, क्योंकि यह बीच सडक़ पर ही बन रहा है और यहां किसी तरह की बाधा भी नहीं है। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा का कहना है कि इस साल फ्लायओवरों के निर्माण की गति तो बढ़ाएंगे ही, वहीं नए फ्लायओवरों पर भी निर्णय लिया जाएगा। साथ ही मास्टर प्लान की सडक़ों के साथ-साथ एमआर, यानी मेजर रोड भी निर्मित की जाएगी। प्राधिकरण ने अन्य फ्लायओवरों का फिजिबिलिटी सर्वे भी करवाया है। सूत्रों का कहना है कि इनमें तीन जगह की रिपोर्ट प्राधिकरण को नेगेटिव मिली है, जिनमें महू नाका, गांधी नगर और बिचौली हप्सी शामिल हैं, जहां अभी यातायात का अत्यधिक दबाव नहीं पाया गया है। तकनीकी रूप से प्रतिघंटा 10 हजार वाहनों का आवागमन जिस चौराहा पर होता है उसे फ्लायओवर के लिए उपयुक्त माना जाता है। हालांकि प्राधिकरण का मानना है कि इन क्षेत्रों में भी तेजी से विस्तार हो रहा है और आने वाले कुछ ही समय में यातायात का घनत्व बढ़ेगा। यही कारण है कि इन चौराहों को भी सूची में शामिल किया गया है। फिलहाल तो प्राधिकरण अन्य चौराहों पर फ्लायओवरों के टेंडर बुलाने और मंजूरी की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करेगा। दूसरी तरफ बोस्टिंग तकनीक से भी फ्लायओवरों का निर्माण इंदौर में किया जा रहा है।
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