इंदौर। इस बार इंदौर जिले की चारों जनपदों में पिछड़ा वर्ग का कोटा ही समाप्त हो गया, जबकि पिछली बार दो सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। इसको लेकर पिछड़ा वर्ग के दावेदारों ने सवाल उठाए हैं।
इंदौर नगर निगम के आरक्षण के पहले कलेक्टर कार्यालय में इंदौर जिले की चारों जनपद इंदौर, महू, देपालपुर और सांवेर के आरक्षण भी हुए।
आरक्षण की कार्रवाई में पहुंचे ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं को उस समय निराशा हाथ लगी, जब मालूम पड़ा कि इस बार चारों जनपदों मे ओबीसी का कोटा ही नहीं है। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भाजपा सरकार ने ओबीसी कोटे को लेकर वाहवाही लूटने में कसर नहीं छोड़ी, जबकि हकीकत कुछ और है। इस बार दो सामान्य, एक एससी और एक सीट एसटी कोटे को अलॉट हुई है, जबकि पिछली बार इंदौर जनपद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी तो देपालपुर में एसटी और महू में जनरल का कोटा था।
सांवेर जनपद एससी के खाते में गई थी। हालांकि आरक्षण रोटेशन के आधार पर हुआ है। वैसे कांग्रेस और भाजपा चाहे तो सामान्य सीट पर ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार को लड़ा सकती है, लेकिन सामान्य कोटे के उम्मीदवार इसका विरोध करेंगे।
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