भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से मिले आदेश का पालन कराने के लिए चुनावी तैयारियों की समीक्षा को लेकर बुधवार को एक बैठक की। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह (Basant Pratap Singh) ने कहा कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव (Panchayat and urban body elections) 30 जून तक कराए जाएंगे। इसके लिए समीक्षा की गई कि यदि हमें चुनाव की घोषणा आज ही करना हो तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव शीघ्र कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही चुनाव की घोषणा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि इन दो सप्ताह में हम चुनाव की घोषणा कर देंगे। आयोग 24 मई तक चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। दोनों चुनाव में सिर्फ एससी-एसटी वर्ग को ही आरक्षण मिलेगा। एक चुनाव (नगरीय निकाय चुनाव) ज्यादा से ज्यादा 10 से 12 जून तक खत्म कर देंगे। दूसरा चुनाव (पंचायत चुनाव) 30 जून तक खत्म करेंगे।
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ गुरुवार को दोपहर 12:30 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करेंगे। इस कॉन्फ्रेंसिंग में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचन अधीक्षक को भी शामिल रहने के लिए निर्देशित किया गया है।
मध्य प्रदेश में कोरोना के चलते पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव दो साल से लंबित हैं। यह चुनाव बिना पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के जून तक संपन्न कराने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को कलेक्टरों के साथ राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। आयोग को दो सप्ताह के भीतर आदेश के क्रियान्वयन का प्रतिवेदन सुप्रीम कोर्ट को देना है।
राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकाय चुनाव पहले करा सकता है। दरअसल, निकायों का परिसीमन और आरक्षण पूरा हो चुका है। इसके संकेत राज्य निर्वाचन आयुक्त ने दिए।
बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव को लेकर पूरी तैयारी है। दो सप्ताह में चुनाव की घोषणा कर देंगे। नगरीय निकाय में परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया हो चुकी है, इसलिए इसमें कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंचायतों का परिसीमन हो चुका है पर आरक्षण नहीं हुआ है। समय सीमा में आरक्षण मिल जाता है तो उसके अनुरूप चुनाव करेंगे। तीस जून तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करा ली जाएगी। सिंह ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश है, इसलिए रिव्यू पिटीशन तो दायर नहीं हो सकती है। सरकार मोडिफिकेशन के लिए आवेदन कर सकती है। उस पर कोई निर्णय आता है तो वैसे कदम उठाए जाएंगे। अभी तो जो आदेश है, उसके अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
ओबीसी आरक्षण पर न्यायालय में संशोधन याचिका दायर करेगी राज्य सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थानीय निकायों में आरक्षण के संबंध में आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में बुधवार को दिल्ली प्रवास के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के संबंध में सॉलिसिटर जनरल के साथ बैठक में चर्चा की। इस मुद्दे से संबंधित पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से भी भेंट की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उच्चतम न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय में संशोधन याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा है कि न्यायालय में अपना पक्ष रखना और पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकता है। इस अवसर पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी उपस्थित रहें।
मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट करते हुए कि कहा कि आज दिल्ली में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भेंट कर मध्यप्रदेश में स्थानीय निकाय और पंचायतों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के सिलसिले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के विधिक पक्षों पर विस्तृत चर्चा की। हम ओबीसी वर्ग को उसका हक दिलाने के लिए संकल्पित हैं।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकायों और पंचायतों में पर्याप्त आरक्षण के मामले में नई दिल्ली में देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज के साथ चर्चा की और इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विधिक परामर्श किया। उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश में स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव में ओबीसी वर्ग को पर्याप्त आरक्षण के लिए कृत संकल्पित हैं और इसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved