भोपाल। प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर ओबीसी से जुड़े कुछ संगठन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आज राजधानी भोपाल में अभिनंदन कर रहे हैं। इस आयोजन से ओबीसी महासभा ने किनारा कर लिया है। साथ ही ओबीसी महासभा की ओर से आरोप लगाए हैं कि किसी ने ओबीसी के पदाधिकारी के कथित रूप से फर्जी हस्ताक्षर करके कमलनाथ के अभिनंदन समारोह की सूचना जारी की थी। ओबीसी महासभा ने इसका खंडन भी किया है।
ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय पदाधिकारी अरविंद सिंह दांगी ने आज वीडियो जारी कर कहा कि महासभा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का किसी तरह का अभिनंदन नहीं कर रही है। महासभा को लेकर भ्रामक खबरें फैलाई गई हैं। दांगी ने कहा कि कुछ संगठनों ने जो सूचना पत्र जारी किया है उस पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। वहीं महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ आनंद राय ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछड़ों के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिसके लिए उनका अभिनंदन किया जाए। उनके कार्यकाल में महाधिवक्ता कार्यालय में एक भी अधिवक्ता ओबीसी वर्ग का नहीं था। उन्होंने ओबीसी के लिए पंचायती रात अधिनियम में भी संशोधन नहीं किया। डॉ राय ने बताया कि ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण संविधान की 9 वीं अनुसूची में डाले बिना नहीं मिलेगा। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते यह भी नहीं किए। फिर किस आधार पर ओबीसी महासभा कमलनाथ का अभिनंदन करे। ओबीसी महासभा की ओर से कहा गया है कि पिछले महीने जब राजधानी भोपाल में ओबीसी ने आंदोलन किया था, तब सिर्फ ओबीसी महासभा के ही डेढ़ हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था। अन्य संगठन इसमें शामिल नहीं थे। डॉ राय का दावा है कि ओबीसी से अन्य कथित संगठनों का कोई वजूद नहीं है।
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