नई दिल्ली (New Delhi) । 40 की उम्र के बाद बाल सफेद (hair white) होना सामान्य बात है. जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, उसके बाल सफेद होने लगते हैं लेकिन आजकल बहुत से लोगों को बेहद कम उम्र में ही सफेद बालों की समस्या (white hair problem) होने लगी है. कई मामलों में यह जेनेटिक (genetic) से जुड़ा हो सकता है लेकिन कई बार इसका कारण शरीर में कई पोषक तत्वों (nutrients) की कमी भी हो सकती है.
जब बालों के रोम वर्णक कोशिकाओं (पिगमेंट सेल्स) के जरिए पर्याप्त मेलेनिन का उत्पादन नहीं करते हैं तो इससे बाल सफेद हो जाते हैं. इसके पीछे कई कारण होते हैं जिनमें तनाव, हार्मोनल परिवर्तन या यहां तक कि विटिलिगो नामक स्किन डिसीस शामिल है. यहां हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी वजहें हैं जो समय से पहले सफेद बालों को न्योता दे सकती हैं.
विटामिन्स की कमी
बालों के विकास के साथ ही उनका प्राकृतिक रंग बरकरार रहने के लिए पोषण की जरूरत होती है. अगर हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो इससे बाल सफेद होने लगते हैं. कई तरह के विटामिन और खनिजों की कमी जैसे विटामिन बी 12, लोहा, तांबा और जिंक का की कमी सफेद बालों का कारण बन सकती है. ये पोषक तत्व मेलेनिन उत्पादन और बालों के रोम छिद्रों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
हार्मोन्स परिवर्तन
शरीर में हार्मोनल परिवर्तन विशेष रूप से गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान बालों के रंग को प्रभावित कर सकते हैं. मेलानोसाइट-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (एमएसएच) और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन में उतार-चढ़ाव और असंतुलन सफेद बालों की समस्या को बढ़ा सकते हैं.
तनाव
लंबे समय तक तनाव में रहने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का स्राव होने लगता है जो लंबे समय तक बालों के रंग समेत शरीर के कई कार्यों को प्रभावित करता है. लंबे समय तक या ज्यादा तनाव मेलानोसाइट्स की कमी को बढ़ाता है जिससे सफेद बाल होते हैं.
धूम्रपान
धूम्रपान विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है. यह कई बीमारियों का कारण और इनमें एक सफेद बाल भी हैं. यह शरीर में हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बढ़ाता है.
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