भोपाल। जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आगजनी की घटना के बाद प्रदेश भर के अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की जांच करने के लिए एक महीने तक अभियान चलाया जाएगा। एसीएस हेल्थ मो.सुलेमान ने सभी जिलों के कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, सीएमएचओ और मुख्य विद्युत एवं सुरक्षा निरीक्षक को नर्सिंग होम्स की जांच करने के आदेश दिए हैं। जिलों में नर्सिंग होम्स की संख्या के मुताबिक जांच दल बनाकर 10 अगस्त से जांच शुरु की जाएगी। इस जांच दल में डॉक्टरों के साथ ही नगर निगम और बिजली विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहेंगे। 31 अगस्त तक निरीक्षण का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। एसीएस के आदेश के बाद भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने आठ जांच दल बनाए हैं। इनमें एक डॉक्टर के साथ एक सहायक और नगर निगम के फायर ऑफीसर को भी शामिल किया गया है।
हर टीम के पास होगा एक जैसा फॉर्मेट
एसीएस हेल्थ ने नर्सिंग होम्स के निरीक्षण के लिए प्रारूप तैयार किया है। सभी जिलों के हर जांच दल को एक जैसे प्रपत्र पर जांच रिपोर्ट देनी होगी। निरीक्षण के बाद टीम अपनी रिपोर्ट सीएमएचओ को देनी होगी। जिन अस्पतालों में खामी पाई जाती है उन्हें तुरंत नोटिस जारी किए जाएंगे। शो कॉज नोटिस के साथ निरीक्षण प्रतिवेदन की कॉपी भी संलग्न की जाएगी। इसमें जांच के दौरान मिली खामियां भी बताई जाएंगी।
ईमेल, व्हाट्सएप पर मिलेगा नोटिस
निरीक्षण के दौरान जिन अस्पतालों में फायर सेफ्टी और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ठीक नहीं मिलती उन अस्पतालों के संचालकों को सीएमएचओ के जरिए शो कॉज नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस की कॉपी ईमेल, व्हाट्सएप के जरिए भेजी जाएगी। एक महीने में जवाब न देने पर कार्रवाई की जाएगी। यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है तो नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ स्पीकिंग ऑर्डर जारी करते हुए नर्सिंग होम का पंजीयन निरस्त किया जाएगा।
भोपाल में सीएमएचओ ने आठ जांच टीमें की गठित
एसीएस के आदेश के बाद सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने आठ जांच दलों का गठन किया है। ये अस्पतालों में जाकर रोजाना अपनी रिपोर्ट देंगे। एक महीने में भोपाल के सभी 300 नर्सिंग होम का निरीक्षण कर रिपोर्ट विभाग को भेजनी होगी। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही नगर निगम के फायर ऑफीसर को भी शामिल किया गया है।
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