भोपाल: मध्य प्रदेश का सरकारी सिस्टम गजब है, जो कर दो सो कम है. ऐसा ही एक नया मामला तबादले से जुड़ा आया है. नर्स की मौत के 66 दिन बाद तबादला किया गया है. तबादले की यह सूची राजधानी भोपाल से ही जारी हुई है. बता दें कि बैतूल निवासी मृतक तनवी दबड़े शिवपुरी के खोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नर्स के पद पर पदस्थ थी.
नर्स तनवी डिप्रेशन में थी, इसी वजह से वह अपना तबादला भोपाल या फिर उसके आसपास कराना चाहती थी, ताकि अपने परिवार वालों के करीब रह सके और अपना मानसिक स्वास्थ्य ठीक कर सके, लेकिन उसको अपने मन का ट्रांसफर नहीं मिल सका.
बता दें कि दिसंबर महीने में संविदा स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे. स्टाफ की कमी के चलते तनवी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 90-90 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ रही थी. इसी वजह से तनवी डिप्रेशन में आ गई थी. इसके चलते 20 दिसंबर को तनवी ने सरकारी आवास में नींद की ज्यादा गोलियां खा ली थीं. ओवरडोज के कारण तनवी की मौत हो गई.
बता दें कि तनवी दबड़े की मौत के 66 दिन बाद उसके तबादले का आदेश आ गया है. 23 फरवरी को जारी स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग स्टाफ की तबादला सूची में सातवें नंबर पर तनवी दबड़े का नाम है. इसी सूची में तनवी का तबादला रायसेन जिला अस्पताल में किया गया है.
तबादला सूची जारी होने के बाद तनवी की साथी कर्मचारियों का कहना है कि काश यह तबादला सूची पहले आ जाती तो आज तनवी हमारे बीच होती. साथी कर्मचारियों का कहना है कि तनवी घर से दूर रहने की वजह से अपने आपको काफी अकेला महसूस करती थी और परेशान भी रहती थी. तबादले के लिए तनवी काफी समय से प्रयासरत थी.
23 फरवरी को जारी स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग स्टाफ की तबादला सूची के बारे में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पवन जैन के अनुसार नर्सिंग स्टाफ तनवी दबड़े के निधन की जानकारी भोपाल में भेज दी गई थी, इसके बावजूद त्रुटि हुई है. तबादला सूची भोपाल से ही जारी हुई है.
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