लखनऊ । राज्य सरकार (State government) ने इस महीने की शुरुआत में कानपुर और प्रयागराज (Kanpur and Prayagraj) में हुई हिंसा (violence) में शामिल आरोपियों से सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति (government property) को हुए नुकसान (loss) के लिए हर्जाना वसूलने का फैसला किया है। हिंसा में कई सरकारी और निजी संपत्तियों को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया गया। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कई विरोध प्रदर्शनों के बीच यह घटनाएं हुईं। जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने विभिन्न सरकारी विभागों से नुकसान का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। विभागों को पत्र भेजकर नुकसान का ब्योरा देने को कहा गया है। जनता से अनाउंसमेंट कर आगे आने और हुए नुकसान की जानकारी देने को कहा गया है। राज्य सरकार एक नए कानून, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली अधिनियम, 2020 के तहत वसूली करेगी।
अतिरिक्त महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों से वसूली की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि पुलिस और नगर निगम सहित कुछ सरकारी विभागों ने प्रयागराज जिला प्रशासन को नुकसान का विवरण प्रस्तुत किया है और उनका कुल अनुमान लगभग 40 लाख रुपये है। प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार खत्री ने कहा कि कुछ विभागों ने अभी तक अपने नुकसान का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। कानपुर पुलिस हिंसा के दौरान हुए नुकसान का आंकलन कर रही है। सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी किए गए थे। कानपुर के संयुक्त आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि मुझे उन रिकॉर्डों की जांच करनी है जिन्होंने अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की है।
जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने एक ट्रिब्यूनल का रुख करने का फैसला किया है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि कथित रूप से नुकसान में शामिल आरोपियों को वसूली नोटिस जारी किया जाए। 3 जून को, कानपुर जिले के कई हिस्सों में झड़पें हुईं, जब कुछ अल्पसंख्यक समूहों ने ‘बंद’ का आह्वान किया था, जिन्होंने कथित तौर पर व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी। दोनों गुट आपस में भिड़ गए और एक दूसरे पर पथराव कर दिया। पुलिस टीम के आने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करने के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया। इस झड़प में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए।
कानपुर पुलिस ने अब तक 57 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 40 संदिग्धों की तस्वीरें भी जारी की हैं। प्रयागराज में झड़प तब हुई जब भाजपा के पूर्व प्रवक्ता की टिप्पणियों का विरोध कर रहे लोगों ने 10 जून को करेली और खुल्दाबाद इलाकों में पुलिस टीमों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया और पथराव किया। प्रयागराज पुलिस ने अब तक 92 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने 59 संदिग्धों के पोस्टर भी जारी किए हैं और उनके बारे में जनता से जानकारी मांगी है।
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