भोपाल। पूरे देश में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) ऐसा राज्य बन गया है, जिसे सूबे के सड़क हादसों के बारे में ज्यादा जानकारी है। प्रदेश ने इस मामले में तमिलनाडु राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है। ऑन द स्पॉट जाकर एक्सीडेंट (Accident) के डाटा को तैयार करने के मामले में प्रदेश देश में नंबर वन बन गया है। इस डाटा (Data) से अब एक्सीडेंट (Accdent) पर लगाम कसने के साथ-साथ लोगों की जान भी बचाई जा सकेगी। सभी जिलों में पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इस्टीट्यूट (Police Training and Research Institute) के निर्देश पर इस डाटा (Data) को तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में एक्सीडेंट (Accdent) के डाटा को तैयार करने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (Police Training & Research Institute) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डीसी सागर (Additional Director General of Police DC Sagar)के पास है। उन्होंने बताया कि इन डाटाबेस (Database) के लिए बनाए एप इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (Integrated Road Accident Database) पर तमिलनाडु राज्य ने ऑन स्पॉट (On Spot) जाकर 8064 एंट्री (Entry) की थीं। जबकि, अब मप्र ने तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए एप पर सड़क दुर्घटनाओं की 8 हजार 110 एंट्री कीं और देश में पहले पायदान पर पहुंच गया। डीसी सागर (DC Sagar) ने बताया कि कोविड (Covid) की गाइडलाइन (Guidline) का पालन करते हुए यह एंट्री की कार्रवाई की गई।
11 जिलों से हुई थी शुरुआत
प्रदेश में आईआरएडी एप पर रियल टाइम डाटाबेस एंट्री की शुरुआत मार्च में 11 जिलों से की गई थी। इसे एक अप्रैल 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया था। डीसी सागर ने इस उपलब्धि के लिए सभी जिलों के अधिकारियों और संबंधित विभागों की एजेंसियों को बधाई दी है।
हादसों की वजह पता चलेगी
इस डाटा की मदद से पुलिस को यह पता चलेगा कि हादसे की वजह क्या है? हादसा किन कारणों से हुआ? सड़क की बनावट की गलती है या फिर किसी दूसरी वजह से हादसा हुआ? ऐसे में यह तमाम जानकारी जब पुलिस के पास मौजूद रहेगी तो पुलिस दूसरी एजेंसियों की मदद से सड़क हादसे की वजह पता चलने के साथ उसे रोकने के उपायों पर भी काम करेगी। मप्र में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशिक्षण और शोध संस्थान को दी गई है। यहीं से हर जिले से सड़क हादसों के डाटा को इक_ा करने और उस डाटा के जरिए हादसों को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है।
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