इंदौर। स्वास्थ्यकर्मियों के बाद फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन लगाने का कार्य कल से शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ 19 प्रतिशत लोग ही वैक्सीन लगवाने पहुंचे। बताया जा रहा है कि कई कर्मचारियों को सूचना नहीं मिल पाई है। जिसके कारण कई लोग वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार जिन संस्थानों के यहां से डेटा आया था, उनमें एक ही नंबर कई लोगों के आगे लिखे होने से सभी को मैसेज नहीं मिल पाए। जब फोन भी लगाया गया तो संबंधित नामधारी को नहीं लगा। इससे भी वैक्सीन लगावाने वालों का प्रतिशत कम रहा। टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि कई बार जो संस्था हमें डेटा भेजती है वहां से फोन नंबर ठीक से नहीं मिल पाते। एक ही नंबर कई लोगों के नाम के आगे लिखे होते है, जिससे संबंधित को मैसेज या फोन नहीं लग पता। इसे सुधारने का प्रयास जल्द करेंगे।
पूरी बटालियन ही इंदौर से रवाना हुई
एसएफ की एक बटालियन का नाम वैक्सीन लगाने वालों की सूची में था, लेकिन वह बटालियन मंदसौर चली गई है, जबकि वहां से एक बटालियन इंदौर आई है। अब जो बटालियन जहां है, वहीं पर वैक्सीन लगवाएगी।
कई सेंटरों पर नहीं पहुंचे लोग
कल पहले दिन फ्रंट लाइन वर्करों के लिए टीका लगाने का काम शुरू हुआ है, लेकिन कई सेंटरों पर सूची में नाम होने पर भी कई लोग नहीं पहुंचे। इसमें ग्रेटर कैलाश, गोकुलदास, शैल्बी, कोरल, गुर्जर, डीएनएस जैसे अस्पतालों में कोई नहीं पहुंचा।
अधिकांश लगी को-वैक्सिन, नहीं दिखाई दिए साइड इफेक्ट
इंदौर में अभी तक कोविशिल्ड वैक्सीन ही आई थी, पहली बार कोवैक्सीन, वैक्सीन लोगों को लगाई गई। शहर को 31 हजार 600 कोवैक्सीन के तथा 3 हजार 690 कोविशील्ड के डोज प्राप्त हुए है। अब तक कोवैक्सीन लगाने वालों को कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखाई दिए हैं।
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