नई दिल्ली। देश में एशियाई शेर (Asiatic Lion) की संख्या करीब 674 हो गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Forest and Environment Minister Bhupendra Yadav) ने विश्व शेर दिवस (world lion day) पर यह जानकारी दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) व पीएम नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) ने भी शेरों के संरक्षण के लिए काम कर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उनके योगदान को सराहा।
पांच दशकों के प्रयासों की वजह से शेरों की संख्या 180 से चार गुना बढ़ी है। हालांकि, 674 की संख्या जीव प्रजाति के अस्तित्व को खतरे में बताती हैं, पर अच्छी बात यही है कि संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। वह भी ऐसे समय में जब अफ्रीका महाद्वीप में संख्या 1950 में 1 लाख से घटते हुए आज 20 हजार पर आ चुकी है।
विश्व शेर दिवस इस शानदार जीव के बारे में जागरूकता बढ़ाने और संरक्षण के प्रयासों को बल देने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रपति कोविंद ने गुजरात के गिर वन में अपने भ्रमण को याद करते हुए कामना की कि शेरों की दहाड़ जंगलों में गूंजती रहे। पर्यावरण मंत्री यादव ने उम्मीद जताई कि भारत में शेर इसी प्रकार अपने खोए हुए जंगलों में वापस राज कायम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एशियाई शेरों का घर होने पर गर्व करता है। देश में शेरों की आबादी बढ़ रही है, यह जानकर लोगों को खुशी होगी। जब मैं गुजरात का सीएम था, तब क्षेत्रीय समुदायों को शेरों के संरक्षण से जोड़ा गया। अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी अपनाए गए। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिला।चालीस फीसदी घटी
- अफ्रीका में शेरों की संख्या करीब 20 हजार है।
- शिकार व जंगल खत्म किए जाने से पिछले दो दशक में वैश्विक स्तर पर आबादी 40%घटी है।
- इसके उलट, इसी दौरान भारत में आबादी बढ़ी।
- भारत में 1974 में 180 शेर बचे थे, 2010 तक संख्या 400 व आज 674 हो गई है।