
भोपाल: विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले भाजपा सरकार (BJP Government) की ओर से शुरू की गई लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Scheme) को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है. कांग्रेस ने योजना के तहत राशि में बढ़ोतरी न होने, नई लाभार्थियों को जोड़ने में असफलता और लाड़ली बहनों की संख्या में कमी को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. इन आरोपों के बीच अब एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.
यह पता चला है कि समग्र पोर्टल से लाड़ली बहनों के नाम हटाए जा रहे हैं और उनके आधार को पोर्टल से डीलिंक किया जा रहा है. इस मुद्दे पर शिकायतें विभिन्न ग्राम पंचायतों, ब्लॉकों, स्थानीय निकायों और कलेक्टर कार्यालयों तक पहुंच चुकी हैं. हाल ही में, आगर मालवा और बैतूल के कलेक्टरों ने एमपी इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी को पत्र लिखकर इस समस्या की जानकारी दी है.
आगर मालवा में 58 महिलाओं के नाम समग्र से डिलीट हुए हैं और 142 महिलाओं के आधार को समग्र से डीलिंक किया गया है. बैतूल में 169 महिलाओं के नाम डिलीट होने की बात सामने आई है. इन समस्याओं के कारण लाभार्थियों को समय पर आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही है.
भाजपा सरकार ने 4 मार्च 2023 को भोपाल के जंबूरी मैदान से लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की थी. योजना के तहत महिलाओं को शुरुआत में 1000 रुपए प्रति माह दिए गए थे, जो बाद में बढ़ाकर 3000 रुपए करने की बात कही गई. अगस्त 2023 में रक्षा बंधन के मौके पर योजना की राशि 1250 रुपए प्रति माह कर दी गई थी.
योजना की शुरुआत के बाद से कुछ ही महीनों में महिलाओं की संख्या में कमी आई है. जून 2023 में पहली किश्त के बाद लगभग 17 हजार महिलाएं योजना से जुड़ी थीं. सितंबर 2023 में यह संख्या 1 करोड़ 30 लाख 78 हजार 314 तक पहुंची, लेकिन फरवरी 2025 तक यह संख्या करीब 3 लाख 56 हजार कम हो गई है.
महिला बाल विकास विभाग का कहना है कि यह कमी पात्रता के कारण हो रही है, क्योंकि 60 साल तक की महिलाएं ही योजना के लिए पात्र हैं. इसके अलावा, कुछ महिलाओं ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ दिया है, जिससे वे योजना से बाहर हो गई हैं. अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और महिलाओं को समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए क्या समाधान पेश करती है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved