एजेंट्स ने लगाया जानबूझकर साइट क्रैश करने का आरोप, पौने 12 बजे जिसने जो ऊंची बोली लगाई थी 12 बजे के बाद साइट शुरू होने पर उसी पर बिके हुए मिले नंबर
इंदौर। परिवहन विभाग द्वारा आयोजित वीआईपी नंबरों की नीलामी (Auction of VIP numbers organized by Transport Department) में कल रात वेबसाइट क्रैश (website crash) हो गई। इसके कारण 0001 नंबर सिर्फ 3.66 लाख में ही बिक गया। इसके अलावा भी कई और नंबर, जिन्हें शौकिन ऊंची कीमत में खरीदने को तैयार थे, कम कीमत में ही नीलाम हो गए। पूरे मामले में वाहन मालिकों की ओर से बोली लगाने वाले एजेंटों ने स्मार्टचिप कंपनी पर जानबूझकर साइट क्रैश करवाने का आरोप लगाया है। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी भी पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यालय को शिकायत भेज रहे हैं।
परिवहन विभाग द्वारा 15 अप्रैल से शुरू की गई वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी का कल आखिरी दिन था। इस बार की नीलामी में कार के नंबरों की नई सीरिज एमपी09-डब्ल्यूएम के नंबरों के शामिल होने के कारण 0001 सहित कई ऐसे नंबर थे, जिनकी काफी डिमांड रहती है। 0001 नंबर खरीदने के लिए पहली बार सात आवेदक मैदान में थे और शाम तक ही इसकी बोली 3.50 लाख तक पहुंच चुकी थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि देर रात तक नीलामी चलेगी और यह नंबर काफी ऊंची कीमत पर बिकेगा, लेकिन रात पौने 12 बजे साइट अचानक क्रैश हो गई। नीलामी का समय 12 बजे तक ही होता है। यह तब ही आगे बढ़ती है जब इससे समय खत्म होने से पहले कोई ऊंची बोली लगाए। तब अन्य आवेदकों को 15 मिनट का समय अगली बोली के लिए मिलता है। लेकिन पौने 12 बजे बोली लगने के बाद साइट क्रैश होने से नंबर लेने के इच्छुक आवेदक चाहकर भी ऊंची बोली नहीं लगा पाए और 12 बजे के बाद जब साइट दोबारा खुली सिस्टम के हिसाब से तब तक की जो आखिरी ऊंची बोली थी उस पर ही नंबर नीलाम हो गए।
होटल एचआर ग्रीन को 3.66 लाख में मिला 0001 नंबर
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 0001 नंबर पर रात की आखिरी बोली होटल एचआर ग्रीन की ओर से 3.66 लाख की थी। इसके बाद साइट क्रैश हो गई, जिसके चलते जो अन्य 6 दावेदार थे वे चाहकर भी बोली नहीं लगा पाए। इसके कारण यह नंबर इसी कीमत पर नीलाम हो गया। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कुछ बड़े नेताओं के दबाव में जानबूझकर ऐसा किया गया, जिससे नंबर सस्ते में मिल सके।
परिवहन विभाग को लाखों का नुकसान, होगी जांच
जानकारी मिली है कि रात 11.58 बजे पूरे प्रदेश में वेबसाइट क्रैश हो गई थी। इसके कारण आवेदक चाहकर भी ऊंची बोली नहीं लगा पाए। इससे विभाग को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। सही आवेदक भी अवसर से चूक गए। इस पूरे मामले को लेकर परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट भेजते हुए जांच की मांग की जाएगी।
– जितेंद्रसिंह रघुवंशी, आरटीओ, इंदौर
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