नई दिल्ली। भारत (NSA) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (National Security Advisor Ajit Doval) ने पेरिस में शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ राफेल मरीन लड़ाकू जेट्स (Rafale Marine Fighter Jets) और अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों (Additional Scorpene submarines) की खरीद को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत की। डोभाल इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के सलाहकार इमैनुएल बोने के साथ द्विपक्षीय रणनीतिक संवाद के लिए फ्रांस में हैं।
भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि डोभाल और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के बीच संवाद का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करना और अंतरिक्ष सहयोग को आगे बढ़ाना था। लेकोर्नू ने एक अलग पोस्ट में कहा कि उन्होंने और डोभाल ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, राफेल मरीन, स्कॉर्पीन पनडुब्बियों पर चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्थिति, विशेष रूप से यूक्रेन में स्थिति पर भी विचार किया।
मौजूदा वक्त में भारत फ्रांसीसी सरकार के साथ 26 राफेल मरीन जेट्स की खरीद को लेकर बातचीत कर रहा है। इनमें से कुछ जेट भारतीय नौसेना के एक विमानवाहक पोत पर तैनात किए जाएंगे। दोनों पक्ष इस जेट डील के लिए एक साल से अधिक समय से वाणिज्यिक चर्चाओं में लगे हुए हैं। भारत तीन अतिरिक्त कालवरी-क्लास पनडुब्बियों के आदेश पर भी नजर रख रहा है, जो फ्रांसीसी स्कॉर्पीन पनडुब्बी का एक रूप हैं। भारतीय नौसेना ने पहले ही इस क्लास की छह पनडुब्बियां हासिल कर ली हैं।
अपनी यात्रा के दौरान डोभाल ने राष्ट्रपति इमैनु मैक्रों से मुलाकात की और भारत की ‘हॉराइजन 2047 रोडमैप’ को लागू करने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। यह एक ढांचा है जो 2047 तक कई रणनीतिक क्षेत्रों में निकट सहयोग के लिए है। डोभाल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी फ्रांसीसी नेता को दिया। मैक्रों ने शांति को बढ़ावा देने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत-फ्रांस प्रयासों की महत्वता पर जोर दिया और इस संदर्भ में पीएम मोदी की पहलों की सराहना की। फ्रांस, भारत के पश्चिमी रणनीतिक भागीदारों में से एक है और उन्नत सैन्य हार्डवेयर का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपने सहयोग को भी बढ़ाया है।
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