नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने शुक्रवार को कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अलावा, पाकिस्तान, चीन, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देशों से लगती भारत की 15,000 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के प्रबंधन में पुलिस बलों की बड़ी भूमिका है. सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के 73वीं बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए डोभाल ने कहा कि भारत की संप्रभुता तटीय क्षेत्रों से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक अंतिम पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र तक जाती है.
डोभाल ने कहा कि भारत के 32 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के हर हिस्से में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस बलों की है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ वही पुलिसिंग ही नहीं जिसमें आप लोगों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है बल्कि इसका भी विस्तार होगा. आप इस देश के सीमा प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होंगे. पंद्रह हजार किलोमीटर की सीमा, जिसमें से ज्यादातर हिस्से की अपनी ही तरह की समस्याएं हैं.’ डोभाल ने आगे कहा कि स्वतंत्रता के 100वें साल की ओर अग्रसर भारत एक नए युग की शुरुआत करेगा और दुनिया भर के अग्रणी देशों में शुमार होकर अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा.
‘लोकतंत्र का मर्म मतपेटी में नहीं, कानूनों में निहित’
उन्होंने कहा कि देश में पुलिस बल की संख्या 21 लाख है और अभी तक 35,480 कर्मियों ने बलिदान दिया हैं. डोभाल ने कहा, ‘हम भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के उन 40 अधिकारियों को भी याद करना चाहेंगे जो शहीद हो गए.’ डोभाल ने कहा कि लोकतंत्र का मर्म मतपेटी में नहीं बल्कि कानूनों में निहित होता है जो निर्वाचन प्रक्रिया से चुने गए लोगों द्वारा बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘जहां कानून प्रवर्तक कमजोर, भ्रष्ट और पक्षपातपूर्ण हैं वहां लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते.’
‘अगर लोग सुरक्षित नहीं, तो देश आगे नहीं बढ़ सकता’
डोभाल ने कहा कि पुलिस को अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम करना होगा जिसके लिए उन्हें देश की सेवा करने के लिहाज से मानसिक सोच की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘अगर आंतरिक सुरक्षा विफल होती है तो कोई देश महान नहीं बन सकता. अगर लोग सुरक्षित नहीं हैं तो वे बढ़ नहीं सकते और संभवत देश भी कभी आगे नहीं बढ़ेगा.’
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