जोहान्सबर्ग (johannesburg) । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल (Ajit Doval) ने सोमवार को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के जोहान्सबर्ग में ‘ब्रिक्स के मित्र’ बैठक में हिस्सा लिया। ब्रिक्स (brics) के अलावा, ब्रिक्स के निम्नलिखित मित्र देशों – बेलारूस, बुरुंडी, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कजाकिस्तान और क्यूबा ने भी बैठक में भाग लिया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई।
सूत्रों ने कहा कि एनएसए डोवाल ने बैठक में इस बात पर प्रकाश डाला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी विघटनकारी तकनीकों के आगमन से साइबर जोखिमों की गंभीरता तेजी से बढ़ेगी। सूत्रों ने कहा, उन्होंने साइबर अपराधियों और आतंकवादियों के बीच के संबंधों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग, कट्टरपंथीकरण, लोन वुल्फ अटैक, भर्ती और सुरक्षित संचार के लिए साइबर स्पेस का उपयोग शामिल है।
सूत्रों ने कहा, एनएसए ने कहा कि युवा आबादी विशेष रूप से सोशल मीडिया साइटों के उपयोग के माध्यम से चरमपंथी विचारधाराओं के प्रसार के प्रति संवेदनशील हैं, क्योंकि वे तकनीकी प्रेमी हैं और प्रभावशाली दिमाग रखते हैं। उन्होंने कहा कि डोवाल ने साइबर सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर डाला।
उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण (Global South) को विशेष रूप से संसाधनों की सीमाओं पर काबू पाने की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक, डोवाल ने कहा कि इस प्रयास में भारत हमेशा सबसे आगे रहेगा और वैश्विक दक्षिण के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि एनएसए ने ब्रिक्स और ब्रिक्स के मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
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