भुवनेश्वर । विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि प्रवासी भारतीय (NRIs) भारत को पर्यटन स्थल के रूप में (India as a Tourist Destination) बढ़ावा दें (Should Promote) । एस जयशंकर ने भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) में वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने में भारत की युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कोशिशों का एक बड़ा हिस्सा युवा पीढ़ी को उनके लक्ष्य हासिल करने के लिए सही प्रेरणा देना है।
मशहूर बैडमिंटन स्टार पी.वी. सिंधु के बयान का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ‘युवा आइकन’ हैं, जिन्होंने हमारे देश को ‘चलता है’ से ‘बदल सकता है’ और ‘होगा कैसे नहीं?’ की ओर बढ़ाया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “घर पर, हमने अमृत काल में विकसित भारत की ओर अपनी यात्रा शुरू की है। यह एक ऐसा प्रयास है जो भविष्य की पीढ़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों से भारत को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की भी अपील की। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आपसे भारत को पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की अपील करता हूं। अगर युवा भारतीय मूल के लोग विदेशों से अपने युवा मित्रों को हमारी समृद्ध और विविध विरासत, संस्कृति को देखने के लिए लाते हैं, तो यह निश्चित रूप से आजीवन आदत बन जाएगी।”
विदेश मंत्री ने प्रवासी भारतीयों के बीच भारत को जानो कार्यक्रम और भारत को जानो प्रश्नोत्तरी की बढ़ती लोकप्रियता पर संतोष व्यक्त किया। जयशंकर ने कहा, “यह राज्य व्यक्तिगत रूप से अनुभव करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है, जिसके बारे में हम प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान चर्चा करेंगे। इसके सांस्कृतिक उत्सव और धार्मिक और पुरातात्विक स्थल हमें याद दिलाते हैं कि हम भारत में खुद को एक सभ्य समाज क्यों मानते हैं।”
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए मुख्यमंत्री मोहन चरन माझी ने जगन्नाथ की धरती और मंदिरों के शहर भुवनेश्वर में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सीएम माझी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि पहली बार भुवनेश्वर में आयोजित हो रहा प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आपके और हमारे लिए हमेशा एक यादगार पल रहेगा। आने वाले दिनों में इस रिश्ते की डोर और मजबूत होगी।” उन्होंने आगे कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन दुनिया भर में भारतीयों के अमूल्य योगदान का सम्मान करने और सहयोग के नए अवसरों की खोज करने के लिए आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी करना ओडिशा के लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है।
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