मुंबई। उच्च कर्ज वृद्धि के बावजूद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2022) में छोटे कारोबारियों की गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) में गिरावट देखी गई। ट्रांसयूनियन सिबिल की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) का एनपीए सितंबर, 2022 तक एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 12.5 फीसदी घट गया।
कर्ज की सूचना देने वाली कंपनी ने कहा, दूसरी तिमाही में कुल कर्ज वितरण (कर्ज का नवीकरण शामिल नहीं) 24 फीसदी बढ़ गया। इसमें प्रमुख योगदान सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र का रहा, जिनके कर्ज में 54 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। इस क्षेत्र पर कुल एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
कंपनी ने बताया कि सूक्ष्म श्रेणी के उद्योगों में कर्ज के औसत आकार में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, लघु श्रेणी के उद्योगों में जुलाई-सितंबर, 2022 तिमाही के दौरान कर्ज का औसत आकार चार फीसदी तक बढ़ गया।
एमएसएमई पर 22.9 लाख करोड़ का कर्ज
ट्रांसयूनियन सिबिल के मुताबिक, एमएसएमई पर सितंबर, 2022 तक कुल 22.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि से 10.6 फीसदी ज्यादा है। इस अवधि में एमएसएमई के लिए कर्ज की मांग कोरोना काल यानी दो साल पहले से 1.7 गुना बढ़ी है।
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